हार और जीत, दोनों में ख़ुदा के साथ जुड़ें रहे।

एक बात जो मुझे हमेशा हैरान करती है, वह यह है कि बाइबल के मुख्य किरदार कितने मामूली और इंसानी थे। बाइबल की हमारी पसंदीदा कहानियाँ सिर्फ़ शानदार जंगों और जीतों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये हमारे ईमान के हीरोज़ के व्यक्तिगत संघर्षों और परिवर्तन को भी ज़ाहिर करती है।
गिदोन की कहानी में, हम देखते हैं कि वह एक ऐसा लड़का था जिसे ख़ुद पर यक़ीन नहीं था और जो हमेशा अपनी बुलाहट और ख़ुदा के वायदों पर शक़ करता था। वह लोगों को ख़ुश करने वाला था, जिसने रात के अंधेरे में छुपकर शहर के मूर्तियों को तोड़ा ताकि किसी से टकराव ना हो (न्यायियों ६)।
वक़्त के साथ, हम गिदोन को एक वीर फ़ौजी के रूप में देखते हैं, जो सिर्फ़ ३०० सिपाहियों के साथ एक बड़ी दुश्मन फ़ौज पर जित हासिल करता है (न्यायियों 7)। जब इफ्राहीम के लोग उससे नाराज़ हुए, तो उसने बेहतरीन समझ से मसले का हल निकाला (न्यायियों ८:१-३) और जब इज्राएली लोग उसे अपना राजा बनाना चाहते थे, तो उसने बड़ी नम्रता से यह कहकर इनकार कर दिया कि सिर्फ़ ख़ुदा ही उनका राजा है (न्यायियों ८:२३)।
मगर, गिदोन की कमज़ोरी तब नज़र आती है जब वह जीते हुए जंग के सोने से एक धार्मिक वस्त्र बनाता है, जो आगे चलकर मूर्ति बन जाती है (न्यायियों ८:२७)। जिस इंसान की शुरुवात अपने पूर्वजों के मूर्तियों को तोड़कर होती है, आख़िर में वह ख़ुद एक मूर्ति बनाता है!
बाइबल में दाऊद, मूसा और कई अन्य किरदारों की तरह, गिदोन की कहानी भी हमें याद दिलाती है कि चाहे कोई कितना भी ताक़तवर तरीक़े से ख़ुदा के लिए इस्तेमाल हो, वह कभी-न-कभी नाक़ामयाबी और क़मजोरियों का सामना करता है।*“सब गुनहगार हैं और ख़ुदा की महिमा को पाने से महरूम हो गए हैं।।” (रोमियों ३:२३) और हर मोड़ पर प्रलोभन हमारा इंतज़ार कर रही होती है।
इसीलिए यह बहुत ज़रूरी है कि हम :
- ख़ुदा के साथ जुड़ें रहे - हार और जीत, दोनों में।
- ख़ुदा की तरफ़ दौड़ें, उससे दूर नहीं - आपके गुनाहों के बावजूद।
- अपना यक़ीन सिर्फ़ ख़ुदा पर ही क़ायम रखें - किसी इंसान पर नहीं, चाहे वह कितना ही संत, धार्मिक या ताक़तवर क्यों ना हो।
दुआ करता हूँ कि इस गीत को सुनकर आपके दिल को आज हौसला मिले।
(*इस प्रोत्साहन के कुछ आयत मेरे अल्फ़ाज़ और अंदाज़ में लिखे गए हैं)

