अपने भरपूरी में ख़ुदा को न भूलना – व्यवस्थाविवरण ८:११

सोमवार मुबारक़!🎉
उम्मीद करता हूँ कि आपका वीकेंड शानदार था। मुझे ख़ुशी है कि आप यहाँ तैयार है, अपने हफ़्ते की शुरुआत ख़ुदा और हमारे चमत्कार परिवार के साथ करने के लिए।
इस हफ्ते की शुरुआत नई सीरीज़ के साथ हो रही है – ‘गिदोन की कहानी से सबक़’। क्या आप कुछ नया सीखने के लिए तैयार हैं?
गिदोन की कहानी न्यायियों की क़िताब में पाई जाती है (न्यायियों ६), जो ऐसे वक़्त में होता है जब हंगामा और चक्रव्यूह चल रहे होते हैं। इस्राएल में कोई राजा नहीं था और लोग बार-बार एक ही मुसीबत के चक्र में फँस जाते थे:
हंगामा और ज़ुल्म ➡️ ख़ुदा से मदद के लिए पुकार ➡️ ख़ुदा द्वारा एक न्यायी के ज़रिए से छुटकारा ➡️ अमन और बरक़तों की भरपूरी ➡️ धीरे-धीरे नैतिक पतन ➡️ फिर से हंगामा और ज़ुल्म।
यह चक्रव्यूह कुछ जाना-पहचाना लग रहा है, है ना? 🤔 यह सोचना आसान है की, "इस्राएली लोग बार-बार एक ही ग़लती क्यों दोहराते थें? वे इतने नासमझ क्यों थें?"
लेकिन सच तो ये है कि हम भी अकसर यही करते हैं।
जब ज़िंदगी मुश्किल और तक़लीफ़ से भरी होती है, तो हम पूरे दिल से दुआ और इबादत करके ख़ुदा तक़ पहुँचने की कोशिश करते है। लेकिन जब सब कुछ अच्छा है, तब हम अपने सफ़ल ज़िंदगी में मगन हो जाते है और धीरे-धीरे हमारा ध्यान भटक़ने लगता है और हम ख़ुदा से दूर हो जाते है। इसी दुरी की वजह से, पाप और बुराई, हमारे ज़िंदगी में प्रवेश करने लगते हैं।
बाइबल हमें इस बारे में चेतावनी देती है:
*“तुम्हारे संतुष्टि में ख़ुदा क़ि तारीफ़ ज़रूर करना, जिसने तुम्हे बेहतरीन ज़मीन दी है। लेक़िन इस वक़्त में भी होशियार रहना ज़रूरी है। अपने भरपूरी में ख़ुदा को न भूलना।” – व्यवस्थाविवरण ८:१०-११
तो हम कैसे यक़ीन करें कि हम अपने बरक़तों की भरपूरी में ख़ुदा को न भूलें? जवाब है – शुक्रगुज़ार रहना!
*"सदा ख़ुशी मनाए। लगातार दुआ करें। हर हालातों में शुक्रगुज़ार रहें। यही ख़ुदा की मर्ज़ी हैं, उन लोगों के लिए जो यीशु मसीह के है। " – १ थिस्सलुनीकियों ५:१६-१८
दोस्त , जब आप इस गीत को सुनें, तो थोड़ा वक़्त निकालकर अपने ज़िंदगी की सभी अच्छी बातों के लिए ख़ुदा का शुक्रिया करें।
(*इस प्रोत्साहन के कुछ आयत मेरे अल्फ़ाज़ और अंदाज़ में लिखे गए हैं)

