रास्ती और सुक़ून ने आपस में चुंबन किया है – भजन संहिता ८५:९-१०

आज 'शानदार शालोम' सीरीज़ का आख़री दिन है! शालोम, ख़ुदा की मुक़म्मल शांति जो आपके लिए हक़ीक़त में शानदार है! ✨
दोस्त , क्या आपको कोई ऐसा लम्हा याद है जब आपको पूरी तरह सुक़ून महसूस हुआ था? वो पल कैसा था?
मसीहीयों के पास एक अनोखा और ख़ास शांति का रास्ता है! इस आयत को ऍमप्लीफ़ाइड बाइबल कुछ ऐसे बयान करती है:
*“वो पुर सुक़ून हालत, जो यीशु मसीह के ज़रिए मिले उद्धार पर पूरा यक़ीन रखती है और ख़ुदा से किसी चीज़ का खौफ़ नहीं करती और अपनी दुनियावी हालत से, चाहे जो भी हो, राज़ी रहती है।”फिलिप्पियों ४:७
ख़ुदा की वो बे मिसाल शांति और सुक़ून, जो यीशु मसीह में अपने उद्धार पर ऐसे अटूट यक़ीन से भरी हो कि इस दुनिया की कोई चीज़ उसे डगमगा न सके, वही इत्मीनान आपके और हमारे लिए उपलब्ध हैं।
वो शांति:
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आपके तमाम हालात से ऊपर है।
- राष्ट्रों के बीच अमन, जंग की ग़ैर-मौजूदगी पर निर्भर है।
- पड़ोसियों के बीच शांति तब होती है, जब संघर्ष न हो।
- जिस्मानी तकलीफ़ों से पूरी आज़ादी और सुक़ून, सिर्फ़ मौत के बाद मुमक़िन है।
मगर ख़ुदा की शांति वो है जो जंग, संघर्ष, दर्द या दुनिया की किसी भी मुश्क़िलों के बीच भी मौजूद रह सकती है! जो आपको हर वक़्त और हर हाल में दी जाती है। २ थिस्सलुनीकियों ३:१६
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आपकी रास्ती से जुड़ी है।
"निश्चय उसका भय माननेवालों के उद्धार का समय निकट है कि हमारे देश में महिमा का निवास हो। करुणा और सच्चाई का मिलन हुआ है; धार्मिकता और मेल ने आपस में चुंबन किया है।"– भजन संहिता ८५:९-१०
रास्ती और सुक़ून ने आपस में चुंबन किया है - ये हमेशा एक साथ हैं। यीशु मसीह में आपको धार्मिक बनाया गया है और ख़ुदा की शांति आपको हासिल हुई है:
*"क्योंकि अब, जब हम ईमान के ज़रिए सही ठहराए गए हैं, तो हमारे पास, यीशु मसीह के ज़रिए, ख़ुदा के साथ सुलह और सुक़ून है।" – रोमियों ५:१
आप इस इत्मीनान को, एक अच्छी ज़िंदगी जी कर या संघर्ष से बचकर, हासिल नहीं कर सकते। ये हर मसीही के लिए मुफ़्त में उपलब्ध है।
दोस्त , आपकी शांति की क़ीमत, क्रूस पर अदा कर दी गई है - आपको बस इसे आज क़ुबूल करना हैं!
(*इस प्रोत्साहन के कुछ आयत मेरे अल्फ़ाज़ और अंदाज़ में लिखे गए हैं)

