ख़ुदा मुझे महफूज़ रखेगा – भजन संहिता २७:५

मैंने एक बार एक कहानी सुनी थी। यह हक़ीक़त है या अफ़साना, मैं नहीं जानती, मगर इसे आपके साथ साझा करना, ज़रूरी समझती हूँ:
एक बार एक राजा था और उसने ऐलान किया कि जो फ़नकार, अमन की सबसे बेहतरीन तस्वीर बनाएगा, उसे इनाम दिया जाएगा। बहुत से फ़नकारों ने कोशिश की। राजा ने तमाम तस्वीरें देखीं, लेकिन उनमें से सिर्फ़ दो ही थीं, जो उसे पसंद आई। अब उसके सामने यह मुश्किल था कि वह इन दोनों में से किसे चुने।
पहली तस्वीर में एक ख़ूबसूरत दरिया था, जिसमें अपने चारों तरफ़ के ऊँचे पहाड़ों और पेड़ों की परछाई झलक़ रही थी। नीले आसमान में परिंदे उड़ रहे थे और सफ़ेद बादल हल्के-हल्के दिख रहे थे। जिसकी भी नज़र इस पर पड़ी, उसने उसे ‘सुक़ून की तस्वीर’ का ख़िताब दिया।
मगर दूसरी तस्वीर बिल्कुल अलग थी। इसमें भी पहाड़ थे, मगर सख़्त और वीरान थे। तूफ़ानी आसमान में बिजली कड़क रही थी, मूसलाधार बारिश हो रही थी और पहाड़ों में से एक तेज़ झरना बह रहा था। पहली नज़र में इस तस्वीर में, शांति का कोई निशान नहीं था। लेकिन जब राजा ने इसे क़रीब से देखा, तो उसने एक चौकानेवाली बात देखी - उस बहते झरने के पीछे, एक छोटी-सी दरार में, एक चिड़िया अपने घोंसले में बैठी थी – महफुज़ और इत्मीनान से। राजा ने इसी तस्वीर को विजेता घोषित किया।
उसने कहा, "शांति का मतलब यह नहीं कि शोर, मुश्किलें और दर्द मौजूद न हों। असली शांति वह है जब दिल सुक़ून में रहे, चाहे दुनिया उसके चारों तरफ़ तूफ़ानों से गुज़र रही हो।"
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दोस्त , बिल्कुल उसी चिड़िया की तरह, हमारे पास भी एक चट्टान है, जो हमें महफ़ूज़ रखती है:
"यहोवा मेरी चट्टान, मेरा गढ़, मेरा शरणस्थल है।” मेरा परमेश्वर मेरी चट्टान है। मैं तेरी शरण मे आया हूँ। उसकी शक्ति मुझको बचाती है। यहोवा ऊँचे पहाड़ों पर मेरा शरणस्थल है।" – भजन संहिता १८:२
"जब कभी कोई विपत्ति मुझे घेरेगी, यहोवा मेरी रक्षा करेगा। वह मुझे अपने तम्बू मैं छिपा लेगा। वह मुझे अपने सुरक्षित स्थान पर ऊपर उठा लेगा।" – भजन संहिता २७:५
दोस्त , जो शांति हमें ख़ुदा देता है, वह हालात या मन की स्थिति पर निर्भर नहीं होती – बल्कि यह हमारी समझ से भी परे होती है!
"इसी से परमेश्वर की ओर से मिलने वाली शांति, जो समझ से परे है तुम्हारे हृदय और तुम्हारी बुद्धि को मसीह यीशु में सुरक्षित बनाये रखेगी।" – फिलिप्पियों ४:७
दोस्त , क्या आपने वह शांति हासिल की है? अगर नहीं, तो आज ही ख़ुदा से माँगें, क्योंकि वह उसे मुफ़्त में देने को तैयार है!

