ख़ुदा मुझे इस तरह सुनने कि क़ाबिलियत देता है जैसे एक चेला सुनता है। - यशायाह ५०:४

क्या आपने कभी मोहब्बत की पाँच ज़बानों के बारे में सुना है? यह एक संकल्पना है जो गैरी चैपमैन ने पेश की थी। इसका मतलब यह है कि हर शख़्स की एक पसंदीदा "ज़बान" होती है, जिसमें वह मोहब्बत का इज़हार करता है और उसे क़ुबूल करता है। ये वो पाँच मोहब्बत की ज़बान हैं:
- तारीफ़ के अल्फ़ाज़ सुनना।
- बेहतरीन वक़्त गुज़ारना।
- तौहफ़े हासिल करना।
- सेवा के कार्य करना।
- जिस्मानी मिलन करना
मेरा पसंदीदा ज़बान, तारीफ़ के अल्फ़ाज़ हैं, लेकिन अगर आप मेरी पत्नी से पूछेंगे तो वो कहेगी की इन पाँच ज़बानों के अलावा, एक और है - और वो है, खाना!!🤪
बाइबल हमें, एक चेले की तरह, दूसरों को तारीफ़ के अल्फ़ाज़ से सरहाने और हौसला देने को प्रोत्साहित करती है, ख़ासकर उन लोगों को, जिन्हें इसकी ज़रूरत है। यशायाह कहता है:
“प्रभु यहोवा ने मुझे सीखनेवालों की जीभ दी है कि मैं थके हुए को अपने वचन के द्वारा संभालना जानूँ। भोर को वह नित मुझे जगाता और मेरा कान खोलता है कि मैं शिष्य के समान सुनूँ।” – यशायाह ५०:४
चेलों की तरह, हमें भी ख़ुदा की आवाज़ को बारिकी से सुनना चाहिए, ख़ासकर जब वह हमें किसी को प्रोत्साहित करने के लिए कहता है। दुआ में ख़ुदा से यह पुछ कर अपने दिन की शुरुआत करें, कि ‘आज मैं किसे प्रोत्साहित करू?’ और पवित्र आत्मा के इशारों के लिए खुले मन रहो - वो धीमी आवाज़ जो कहती है, "उसे एक मेसेज भेजो," या "उसे एक कॉल करो।"
मैंने कई बार अनुभव किया है कि ख़ुदा का वक़्त बिल्कुल सही होता है - जिस वक़्त किसी को प्रोत्साहन की ज़रुरत होती है उसी वक़्त मेरा मेसेज पहुँचता है।
दोस्त , अगर आपके दिल में किसी को प्रोत्साहित करने के लिए ऊपर से इशारा मिलता है तो अपने आप को मत रोको! यक़ीन मानो….एक सादा सा मेसेज या कॉल भी किसी की ज़िंदगी में बड़ा फ़र्क़ ला सकता है!
आइए दुआ करें:
"ऐ आसमानी पिता, मेरे कानों को तेरी ख़ूबसूरत आवाज़ सुनने और मेरे दिल को तेरी राहें समझने की क़ाबिलियत दे। मैं तेरे हुक़ुम को सुनने और उस पर अमल करने का फ़ैसला करता हूँ । मुझे वो ज्ञान, नम्रता और हिम्मत दे, जिसकी मुझे ज़रूरत है। यीशु मसीह के नाम में, आमीन।"

