ख़ुदा अपने क़ामिल मंसूबे को पूरा करने के लिए, बे-क़ामिल इंसानों का इस्तेमाल करता है।

मैं जिस जिम में कसरत करने जाता था, वहाँ एक ऐसी मशीन थी, जो मेरी दिल की धड़कन और कैलरीज़ को हर पल स्क्रीन पर दिखाती थी।
जब भी कोई मेरे सामने वाली ट्रेडमिल पर दौड़ता था, मैं उनकी रफ़्तार का मुक़ाबला करने से ख़ुद को रोक नहीं पाता था। इससे मुझे और ज़्यादा मेहनत करने की चुनौती मिलती थी। ख़ास तौर पर अगर वो मुझसे कहीं ज़्यादा उम्र में बड़े होते थे, तो मैं अपनी पूरी ताक़त उनसे बेहतर करने में लगाता था! हो सकता है की यह पागलपन है, मगर मेरे सबसे बेहतरीन वर्कआउट ऐसे ही होते थे! 😂
तुलना करना, चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन इसका भार, हमें नीचे भी खींच सकता है और हमे ख़ुद के कमियों का एहसास दिला सकता है। तुलना करना, मसीही ज़िंदगी में भी ये ललचानेवाला हो सकता है - जैसे "वो मुझसे ज़्यादा पवित्र है," या "उनकी दुआएँ मुझसे ज़्यादा असरदार लगती हैं।"
मगर सच्चाई यह है—
"इसलिए कि सब ने पाप किया है, वे परमेश्वर की महिमा से रहित हैं, परंतु वे उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु ही में है, बिना मूल्य चुकाए धर्मी ठहराए जाते हैं।" – रोमियों ३:२३-२४
यहाँ तक कि यीशु मसीह के चेलें भी कई बार अपने रास्ते से भटक गए थे:
- उन्होंने इस बात पर बहस की, कि उनमें “सबसे बड़ा कौन है।” (लूका २२:२४)
- जब उन्हें दुआ करनी चाहिए थी, तो वे सो गए थें। (मत्ती २६:४०-४१)
- उनमे ईमान की कमी थी। (मत्ती ८:२६)
ख़ास तौर पर शमौन पतरस (सायमन पीटर) कई बार नाक़ाम हुआ था - उसने तीन बार अपशब्दों से यीशु मसीह का इनकार किया (मत्ती २६:६९-७५) यहाँ तक कि एक बार यीशु मसीह ने उससे यह भी कहा था:
“हे शैतान, मेरे सामने से दूर हो! तू मेरे लिये ठोकर का कारण है; क्योंकि तू परमेश्वर की बातों पर नहीं, परन्तु मनुष्यों की बातों पर मन लगाता है।” – मत्ती १६:२३
फिर भी, तमाम नाक़ामियों के बावजूद, यीशु मसीह कहता है कि तुम ‘पतरस’ अर्थात् ‘चट्टान’ हो और इस ‘चट्टान’ पर मैं अपनी कलीसिया बनाऊंगा" – (मत्ती १६:१८)
बाइबल, चेलों की ग़लतियों पर पर्दा नहीं डालती, बल्कि उन्हें पूरी तरह से उजागर करती है। क्यों? ताक़ि सब जाने कि ख़ुदा अपने क़ामिल मंसूबे को पूरा करने के लिए, बे-क़ामिल इंसानों का इस्तेमाल करता है।
दोस्त , आज तू ना हिम्मत हरियो। हमारी तमाम कमियों और कमज़ोरियों के बावजूद, ख़ुदा हम पर भरोसा करने का चुनाव करता है और हममे अपनी ताक़त को ज़ाहिर करता है।
दुआ करता हूँ कि आज, इस सच्चाई से आपको बरक़त और तसल्ली मिले!

