मेरे मंसूबे तुम्हारे लिए उम्मीद और एक रोशन भविष्य से भरे हैं - यिर्मयाह २९:११

हम यिर्मयाह २९:११ से सीखने के तीसरे दिन में हैं लेकिन आज मैं कुछ अलग करना चाहती हूँ।
मैं चाहती हूँ कि आप इन अल्फ़ाज़ को पढ़ो, जो यिर्मयाह २९:११ पर आधारित हैं और इन्हें अपने दिल में ऐसे महसूस करे जैसे ख़ुदा ख़ुद आपसे ये बातें कह रहा है:
मेरे अज़ीज़ दोस्त ,
तेरी ज़िंदगी के लिए मेरे पास बेहतरीन मंसूबे हैं।तेरी तरफ़ मेरे हर लफ़्ज़,तुझसे किए गए हर वादे,तेरे हर ख़्वाब और आरज़ू... सब मुक़म्मल होंगे।
हाँ, मैंने पहले ही तेरे लिए सब कुछ तय कर दिया है।तेरी हर ज़रूरत पूरी होगी,तेरी हर तड़प का मरहम बनूंगा,तेरी हर बीमारी, हर ग़म, हर तूफ़ान मेंमेरा वचन तेरा सहारा बनेगा।
जो कुछ मैंने तेरे लिए लिखा है,उसे न कोई मिटा सकता है, न ख़त्म कर सकता है।तु हौसले से आगे बढ़,क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ, हर क़दम, हर मोड़ पर।मैं कभी तुझे अकेला नहीं छोड़ूँगा,बल्कि आख़िर तक तेरा हमसफ़र बना रहूँगा।
मैं तेरे आगे-आगे चलता हूँ,तेरे लिए रास्ते बनाता हूँ,तेरी हर मुश्किल को आसान करता हूँ।
मेरा हाथ थामकर, बस मुझ पर यक़ीन रख।यह सुनकर आपके दिल में क्या एहसास जाग रहा है? इन लफ़्ज़ों को बार-बार दोहराइए, ताकि ये आपकी रूह में उतर जाएँ, आपके दिल की धड़कनों में बस जाएँ और आपके यक़ीन को और मज़बूत कर दें। फिर कुछ पल ठहरे, गहरी सांस लें, और ख़ुदा का शुक्र अदा करें - क्योंकि उसकी हुज़ूरी आपके क़रीब है और उसका प्रावधान आपकी ज़िंदगी को संवार रहा है।मेरे साथ यह दुआ करें:
“हे आसमानी पिता, तेरा शुक्रिया कि तूने मुझे अपनी मोहब्बत से अपनाया है, अब मेरी ज़िंदगी तुझसे जुडी हुई है। तुझमें ही मेरा असली मोल है, मैं तेरी नज़र में अनमोल और बेशुमार क़ीमती हूँ। तेरे मुक़म्मल मंसूबे मेरी ज़िंदगी में पूरे हो रहे हैं,क्योंकि तेरा वचन कभी खाली नहीं लौटता। तू मुझे कभी नहीं भूलेगा,न कभी तन्हा छोड़ेगा,बल्कि हर क़दम पर मेरे साथ चलेगा। मैं बेखौफ़ आगे बढ़ूंगा, क्योंकि तू मेरे लिए रास्ता बना रहा है।”
यीशु मसीह के नाम में, आमीन!

