पैदा होने से पहले मैंने तुझे अलग़ किया है - यिर्मयाह १:५

क्या आप जानते हैं कि मुझे किस बात पर हमेशा हैरानी होती है? यही कि पूरी क़ायनात के निर्माता की नज़र मुझ जैसे एक छोटे से, नाचीज़ इंसान पर है!
ख़ुदा सिर्फ़ बड़े चीज़ों में ही दिलचस्पी नहीं रखता हैं, जैसे पुरे दुनिया की राजनीति या कलीसिया, बल्कि वह हमारी निजी ज़िंदगी में भी शामिल होना चाहता है।
यिर्मयाह २९:११ में, ख़ुदा व्यक्तिगत है, यह हक़ीक़त ज़ाहिर होती है:
*"ख़ुदा यह ऐलान करता है: 'तुम्हारे लिए बनाए गए हर मंसूबे को मैं जानता हूँ - ये मंसूबे तुम्हें नुक़सान पहुँचाने के लिए नहीं, बल्कि तुम्हे तरक्की, उम्मीद और एक रोशन भविष्य देने के लिए हैं।” – यिर्मयाह २९:११
किसी अंजान शख़्स के लिए, जिससे ना आपका कोई क़रीबी रिश्ता हो और ना ही गहरी मोहब्बत, उसके लिए मंसूबे बनाना अजीब नहीं लगेगा क्या?दोस्त , ख़ुदा आपको बहुत क़रीब से जानता है - आपकी ख्वाहिशें, तमन्नाएँ, ख्वाब, ख़ौफ़ और यहाँ तक की आपके सिर के बालों की संख्या भी उसे पता है (मत्ती १०:३०)!
“जब मैंने तेरी मां के पेट में तुझे गढ़ा, उसके पहले से मैंने तुझे चुना है। तेरे जन्म लेने के पूर्व ही मैंने नबी-कार्य के लिए तेरा अभिषेक किया है। मैंने राष्ट्रों के लिए तुझे नबी नियुक्त किया है।” – यिर्मयाह १:५
आपको रचाने वाले से बढ़कर, और कौन आपके लिए बेहतरीन मंसूबे बना सकता है? यक़ीनन, कोई नहीं! दोस्त ख़ुदा के पास आपकी ज़िंदगी के लिए बेहतरीन मंसूबे हैं, जो आपके सोच से परे है।
“प्रभु यह कहता है : ‘मेरे विचार तुम्हारे विचारों के समान नहीं हैं, और न तुम्हारे मार्ग मेरे मार्गों के सदृश हैं। पृथ्वी से जितना दूर आकाश है, उतने ही दूर मेरे मार्ग से तुम्हारे मार्ग हैं; उतने ही तुम्हारे विचार मेरे विचारों से दूर हैं।” – (यशायाह ५५:८-९)
अगर आप अपनी ज़िंदगी को ख़ुदा के मंसूबे के हवाले कर देते है, तो आप देखोगे कि वह आपको कितनी ऊंचाई तक ले जाता है! आइए मिलकर यह दुआ करें:
“ऐ आसमानी पिता, मैं अपने सारे मंसूबे तेरे हवाले करती हूँ और तेरे मुक़म्मल मंसूबे पर यक़ीन रखती हूँ। शुक्रिया कि तू, जो सारी क़ायनात का निर्माण करने वाला है, मुझे अपने ख़यालों में रखता है। यीशु मसीह के नाम में, आमीन।”
(*इस प्रोत्साहन के कुछ आयत मेरे अल्फ़ाज़ और अंदाज़ में लिखे गए हैं)

