मैंने तुम्हें अपनी हथेलियों पर खोदकर बनाया है - यशायाह ४९:१६

आपका वीकेंड कैसा रहा?
इस हप्ते, हम बाइबल से मेरी पसंदीदा आयत - यिर्मयाह २९:११ - पर ग़ौर करेंगे:
*"ख़ुदा यह ऐलान करता है: 'तुम्हारे लिए बनाए गए हर मंसूबे को मैं जानता हूँ - ये मंसूबे तुम्हें नुक़सान पहुँचाने के लिए नहीं, बल्कि तुम्हे तरक्की, उम्मीद और एक रोशन भविष्य देने के लिए है।”
इस ताक़तवर आयत से हम कुछ सीखेंगे, इसका मतलब जानेंगे और अपने ईमान को मज़बूत करने के लिए इस पर मनन करेंगे ।
बाइबल के किसी एक आयत पर मनन करना बहुत फ़ायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसे गहराई से समझने के लिए हमें इसके संदर्भ का खुलासा करना ज़रूरी है।
यिर्मयाह ने इस आयत को, बेबीलोन देश में रहनेवाले इस्राएली लोगों के लिए एक चिट्ठी में लिखा था (आयत १)। निर्वासन में ज़िंदगी जीना एक दर्दनाक अनुभव होता है; अपनी मर्ज़ी के ख़िलाफ़, अपनी सरज़मीन को छोड़कर, एक अंजान मुल्क़ में ले जाया जाना, जहाँ आप एक ठुकराए गए इंसान की तरह रहते है और फिर से नई शुरूआत करनी पड़ती है।
फिर भी, यिर्मयाह के ज़रिए, ख़ुदा अपने लोगों से यह कहता है: "मैं आपको भुला नही हूँ! आपका निर्वासन आपके कहानी का अंजाम नही है। " इसी तरह ख़ुदा, यशायाह के ज़रिए भी कहता है:
“क्या यह हो सकता है कि कोई माता अपने दूधपीते बच्चे को भूल जाए और अपने जन्माए हुए लड़के पर दया न करे? हाँ, वह तो भूल सकती है, परन्तु मैं तुझे नहीं भूल सकता। देख, मैं ने तेरा चित्र अपनी हथेलियों पर खोदकर बनाया है; तेरी शहरपनाह सदैव मेरी दृष्टि के सामने बनी रहती है।" – यशायाह ४९:१५-१६
दोस्त , क्या आप ख़ुद को "निर्वासित" महसूस करते है? क्या आपको लगता है कि आपको ठुकराया या भूला गया है?
आज ख़ुदा आपसे यह कहना चाहता है:
“मैं तुम्हे कभी नहीं भूलूँगा - तुम्हे भुलाना नामुमक़िन है क्योंकि मैंने तुम्हे मेरे हथेलियों पर खोदकर बनाया है। मैं तेरी इस दर्दभऱी दास्तान से वाक़िफ़ हूँ। हौसला रख, क्योंकि यह ग़म का रास्ता लम्बा नहीं है। मेरे पास तुम्हारे लिए उम्मीद और सुकून से भरे मंसूबे हैं और मैं तुमसे बेहद मोहब्बत करता हूँ।"
(*इस प्रोत्साहन के कुछ आयत मेरे अल्फ़ाज़ और अंदाज़ में लिखे गए हैं)

