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Publication date 25 अप्रै. 2025

यीशु मसीह आपके शक़ में आपसे मुलाक़ात करेगा

Publication date 25 अप्रै. 2025

क्या कभी आपके ज़हन में यह ख्याल आया है - 'अगर मेरी मौत के बाद पता चले कि ख़ुदा है ही नहीं, तो क्या होगा?' एक विश्वासी होने के नाते, हमें सिखाया गया है कि ऐसे शक़ को दूर करके बस ईमान रखना चाहिए, क्योंकि हमारा उद्धार, यक़ीन की मज़बूत बुनियाद पर टिका है।

*“क्योंकि ख़ुदा बाप ने सारे जहाँ से ऐसी मोहब्बत की, कि उसने अपना एकलौता बेटा यीशु मसीह को हमारे ख़ातिर क़ुर्बान किया, ताकि जो कोई उस पर ईमान रखें वह भस्म न हो, परन्तु फ़रावां और अब्दी ज़िंदगी हासिल करें"यूहन्ना ३:१६

दोस्त , मेरे पास आपके लिए एक ख़ुशख़बरी है: ईमान, शक़ की गैरमौजूदगी से नहीं, बल्कि उसकी मौजूदगी में ही मज़बूत होता है!

ज़रा ग़ौर कीजिए - अगर दिल में कभी शक़ पैदा ही न होता, तो ईमान की कोई ज़रूरत ही नहीं होती, क्योंकि तब हर बात पर यक़ीन करना मुमकिन होता। अगर हम ख़ुदा को अपनी आँखों से देख सकते, तो उस पर ईमान रखने की ज़रुरत ही नहीं होती, क्योंकि फिर यक़ीन देखने में बदल जाता।

यीशु मसीह शक़ करनेवाले लोगों से नाराज़ नहीं हुआ था। यह, यीशु मसीह के पुनरुत्थान के बाद के पाँचवें और आख़री मुलाक़ात से ज़ाहिर होता हैं (यूहन्ना २०:२४-२९)। पुनरुत्थान के बाद, जब यीशु मसीह पहली बार अपने चेलों के सामने प्रकट हुआ, तब एक चेला, थोमा वहाँ मौजूद नहीं था। जब बाकी चेलों ने उसे बताया कि यीशु मसीह ज़िंदा हैं, तो भी उसे यक़ीन नहीं हुआ और शक़ करते हुए उसने कहा…

"जब तक मैं उसके हाथों में कीलों के निशान न देख लूँ, और अपनी उंगली उन निशानों में न डाल लूँ, और अपने हाथ को उसके पहलू में न रख लूँ, मैं ईमान नहीं लाऊँगा।" यूहन्ना २०:२५ 

थोमा को अकसर "शक़्क़ी थोमा" कहा जाता है, मगर मुझे यह नाइंसाफ़ी लगती है। मैं उसे "सच की तलाश करने वाला थोमा" कहना पसंद करता हूँ। वो कह रहा है, "मैं बस आपकी बातों पर नहीं जाना चाहता हूँ; मैं ख़ुद उससे मुलाक़ात करना चाहता हूँ!" ‘कोई ऐसी बेरहम मौत के बाद फिर ज़िंदा हुआ’, ऐसे किये गए दावे को ठुकराता नहीं है। वह बस इतना कह रहा है कि, "मैं खुद जानना चाहता हूँ!" 

यीशु मसीह, थोमा के शक़ के समय उसे मुलाक़ात करते हुए कहता है:

“अपनी उँगली यहाँ लाकर मेरे हाथों को देख और अपना हाथ लाकर मेरे पंजर में डाल, और अविश्‍वासी नहीं परन्तु विश्‍वासी हो।" – यूहन्ना २०:२७ 

दोस्त , आपके दिल में किस हिसाब के शक़ हैं? थोमा की तरह, उन्हें यीशु मसीह के हवाले करें - वो आपको दूर नहीं करेगा, बल्कि आपको ख़ुदा तलाश में एक रंगीन सफ़र पर ले जायेगा:

*"जो कोई सच्चे ईमान से माँगता है, उसे बेशुमार मिलता है; जो दिल से तलाश करता है, वह बेहिसाब हासिल करता है; और जो लगातार खटखटाता है, उसके लिए आसमान का दरवाज़ा खोला जाता है।"मत्ती ७:८  

(*इस प्रोत्साहन के कुछ आयत मेरे अल्फ़ाज़ और अंदाज़ में लिखे गए हैं)

आप एक चमत्कार हैं।

Cameron Mendes
Author

Worship artist, singer-songwriter, dreamer and passionate about spreading the Gospel.