यीशु मसीह ने ख़ून बहाया क्योंकि वो आपसे मोहब्बत करता है

आपको ईस्टर मुबारक़ हो और यह पुनरुथान का दिन, आपके लिए बरक़तों से भरा हो।
मैं आपको याद दिलान चाहती हूँ कि वही पुनरुथान की ताक़त, जिसने यीशु मसीह को मुर्दों में से ज़िंदा किया, आज आप के भीतर बसती है! ✝️
ईस्टर का चमत्कार यही है कि, यीशु मसीह ने क्रूस पर एक मुक़म्मल अदला-बदली किया; उसने आपके गुनाह, शर्म, बीमारी, ग़ुलामी, श्राप, दोष और सज़ा अपने ऊपर ली और बदले में आपको माफ़ी, शिफ़ा, उद्धार और आज़ादी दी।
"परन्तु वह हमारे ही अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के कारण कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी, कि उसके कोड़े खाने से हम लोग चंगे हो जाएँ।" – यशायाह ५३:५
यह आसान काम नहीं था। यीशु मसीह सिर्फ़ मरा नही, बल्कि उसने सबसे दर्दनाक, ख़ौफ़नाक और तकलीफ़देह मौत सही की जो हमारे समझ से भी परे है - एक ऐसी मौत, जिसमें नफ़रत, दग़ाबाज़ी और ज़लील करने वाली बातें थी।
क्या आपको पता है कि लज्जा की चिंता किए बिना, यीशु मसीह ने क्रूस के दुःख को, किस आनंद के लिए सह लिया ?
"विश्वास के कर्ता और सिद्ध करनेवाले यीशु की ओर ताकते रहें, जिसने उस आनंद के लिए जो उसके सामने रखा था, लज्जा की चिंता किए बिना क्रूस के दुःख को सह लिया, और परमेश्वर के सिंहासन के दाहिनी ओर जा बैठा। इसलिए उस पर ध्यान दो जिसने अपने विरुद्ध पापियों का इतना विरोध सहा कि तुम थककर हताश न हो जाओ।" – इब्रानियों १२:२-३
क्या आप जानते हैं कि वो आनंद की बात क्या थी?
दोस्त वो आप थे! आप ही वह ख़ुशी की वजह थे, जिसे यीशु मसीह ने अपने सामने रखा - आप ही वो वजह थे जिसके लिए उसने क्रूस की सबसे दर्दनाक मौत को सह लिया!
कभी-कभी दुश्मन हमें यह महसूस कराता है कि हमने यीशु मसीह को तकलीफ़ पहुँचाई, लेकिन यह झूठ है! हाँ, यीशु मसीह ने हमारे गुनाहों की माफ़ी के लिए खुद को क़ुर्बान किया, मगर उसने इसे अपनी ख़ुद की मर्ज़ी से किया (यूहन्ना १०:१७-१८)। हमने उसे तकलीफ़ नहीं दी, बल्कि हमने उसे वह मक़सद दिया जिसने उसे यह तकलीफ़ सहने की ताक़त दी! यीशु मसीह की मोहब्बत आपके लिए इतनी बेशुमार है कि उसने, आपको ख़ुदा बाप से मिलाने और आपके साथ क़ायम रहने के लिए, अपना ख़ून का हर एक कतरा बहाना भी क़बूल कर लिया (रोमियों ५:१०)।
क्या आपने कभी ऐसे मुक़म्मल मोहब्बत को महसूस किया है?
दोस्त , पौलुस के जैसे, मैं आपके लिए दुआ करती हूँ कि इस ईस्टर के दिन:
"विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदयों में वास करे कि तुम प्रेम में जड़ पकड़कर और नींव डालकर सब पवित्र लोगों के साथ भली-भाँति समझने की शक्ति पाओ कि मसीह के प्रेम की चौड़ाई, और लंबाई, और ऊँचाई और गहराई कितनी है, और उसके उस प्रेम को जान सको जो ज्ञान से परे है ताकि तुम परमेश्वर की समस्त परिपूर्णता तक भर जाओ।" – इफ़िसियों ३:१७-१९
आइए, यीशु मसीह के जीत का जश्न इस गीत के ज़रिए मनाएँ।

