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Publication date 16 अप्रै. 2025

यीशु मसीह ने हमारे मन को नया बनाने के लिए ख़ून बहाया

Publication date 16 अप्रै. 2025

कल हमने काँटों के ताज के प्रतीकात्मक मायने को समझने की कोशिश की। आज, मैं इस पर और गहराई से ग़ौर करना चाहती हूँ।

जब मैं इस सीरीज़ की तैयारी कर रही थी और यीशु मसीह की क्रूस पर चढ़ाए जाने की घटनाओं को दोबारा देख रही थी - एक ऐसी कहानी जिसे मैंने कई बार सुना और पढ़ा है - तभी मेरे मन में एक सवाल आया:

“काँटे, यीशु मसीह के सिर पर ही क्यों रखे गए?”

मार तो पूरे बदन पर पड़ी, कोड़े पीठ पर लगे और कीलें हाथों और पैरों में ठोकें गए। लेकिन काँटों को, ख़ास तौर पर, उलझा कर ताज बनाकर, सिर पर ही क्यों रखा गया? क्यों काँटों के ऊपर उसे चलाया नहीं गया, या उन्हें उठाने के लिए क्यों नहीं कहा गया?

अब तक हम जान चुके हैं कि यीशु मसीह की मौत से पहले की कोई भी घटना, इत्तेफ़ाक़ नहीं थी। हर विवरण गहरे, भविष्यवाणी पूर्ण अर्थ से भरा हुआ था - और काँटों का ताज भी इसका अपवाद नहीं था।

सिर हमारे ख़यालात, ख़्वाहिशों और इरादों का केंद्र है। पाप अकसर हमारे मन में जन्म लेता है - और ईमान की शुरुआत भी वही से होती है।

अगर हम हमारे खयालातों को हर तरफ़ जाने दे तो वह हमें बंधन में भी डाल सकते हैं,

  • बीते हुए कल की यादें

  • शैतान की झूटी बातें

  • गुनाह की शरम 

जिस तरह हमारे मन में ज़हरीली ख़यालों की गाँठें उलझती हैं, उसी तरह, यीशु मसीह के सिर पर काँटों के ताज को गूँथकर रखा गया था। (मत्ती २७:२७-३०)

दोस्त ,हम सब अपने सिर पर एक प्रकार का काँटों का ताज पहनते हैं।

सवाल यह है: क्या आप इसे यीशु मसीह के हवाले करने के लिए तैयार हैं?

यीशु मसीह की राह पर चलने के लिए, पौलुस हमें, इफिसियों ४:२२-२४ में यह सिखाता हैं:

“कि तुम पिछले चालचलन के पुराने मनुष्यत्व को जो भरमानेवाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्‍ट होता जाता है, उतार डालो और अपने मन के आत्मिक स्वभाव में नये बनते जाओ, और नये मनुष्यत्व को पहिन लो जो परमेश्‍वर के अनुरूप सत्य की धार्मिकता और पवित्रता में सृजा गया है।”

एक नया मन! यह कितना अद्भुत है, है न? यीशु मसीह ने इसे क्रूस के ज़रिए आपके लिए मुमकिन किया है।

आपको बस उस पर यक़ीन रखना है।

“प्रभु! जो व्यक्‍ति अपने मन को सदा तुझ में लीन रखता है, उसको तू पूर्ण शान्‍त जीवन प्रदान करता है, क्‍योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है।” यशायाह २६:३

“क्योंकि परमेश्वर ने हमें जो आत्मा दी है, वह हमें कायर नहीं बनाती बल्कि हमें प्रेम, संयम और शक्ति से भर देती है।”२ तीमुथियुस १:७

आप एक चमत्कार हैं।

Jenny Mendes
Author

Purpose-driven voice, creator and storyteller with a passion for discipleship and a deep love for Jesus and India.