यीशु मसीह ने फ़सह के मेमने के रूप में ख़ून बहाया

पिछले हफ़्ते, ईस्टर के जज़्बे में, हमने उस सफ़र की शुरुआत की, जिसमें हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि यीशु मसीह ने अपनी आख़री १८ घंटों के दौरान, हमारे लिए सात बार जो ख़ून बहाया, उसकी अहमियत क्या है। यह सफ़र हमें उस क्रूस तक ले जाता है, जहाँ उसने अपनी जान क़ुर्बान कर दी।
कल, हम पाँचवें बात पर ग़ौर करेंगे, लेकिन आज, मैं एक और ख़ूबसूरत बात पर ठहरना चाहती हूँ जो यीशु मसीह की मौत की तरफ़, हमें पहले से सूचित करती है - फ़सह (पासओवर) का त्योहार।
जब इस्राएल लोग मिस्र से निकलने के लिए बेताब थे, तब ख़ुदा ने उन्हें यह निर्देश दिए:
“इस्राएल की सारी मण्डली से इस प्रकार कहो; इसी महीने के दसवें दिन को तुम अपने अपने पितरों के घरानों के अनुसार, घराने पीछे एक एक मेम्ना ले रखो… तुम्हारा मेम्ना निर्दोष और एक वर्ष का नर हो, और उसे चाहे भेड़ों में से लेना चाहे बकरियों में से। और इस महीने के चौदहवें दिन तक उसे रख छोड़ना, और उस दिन गोधूलि के समय इस्राएल की सारी मण्डली के लोग उसे बलि करें। तब वे उसके लहू में से कुछ लेकर जिन घरों में मेम्ने को खाएँगे उनके द्वार के दोनों अलंगों और चौखट के सिरे पर लगाएँ।” – निर्गमन १२:३, ५-७
उसी रात, ख़ुदा का स्वर्गदूत, मिस्र देश पर ख़ुदा का फ़ैसला लेकर गुज़रा और उसने हर पहलौठे को मार दिया - मगर जिन घरों के दरवाज़ों पर मेमने का ख़ून लगा था, उन्हें बक़्श दिया।
मिस्री फ़िरौन से इस्राएली लोगों के आज़ादी के लिए, यही वो ख़ुदा का आख़री वार था।
आज भी यहूदी घराने, फ़सह का त्योहार मनाते हैं, यह याद करते हुए कि कैसे ख़ुदा ने अपने लोगों को मिस्र से आज़ाद किया (निर्गमन १२)।
जब यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाया गया, तब वही फ़सह का त्योहार था और ठीक उसी वक़्त मंदिर में फ़सह के मेमने क़ुर्बान किए जा रहें थे।
क्या यह इत्तेफ़ाक़ था? बिल्कुल नहीं! यह एक दिव्य मंसूबा था।
फ़सह के मेमने का ख़ून, जो लकड़ी पर खड़ा और आड़ा लगाया जाता था, इस्राएली लोगों को ख़ुदा के इन्साफ़ से, सिर्फ़ एक ही रात को बचा सकता था। लेकिन यीशु मसीह, जो असली फ़सह का मेमना है, उसका ख़ून जो क्रूस पर बहा, खड़ा और आड़ा, उसने हमें हमेशा के लिए गुनाहों से आज़ाद कर दिया!
“पुराना ख़मीर निकालकर, अपने आपको शुद्ध करो कि नया गूँधा हुआ आटा बन जाओ; ताकि तुम अख़मीरी हो, क्योंकि हमारा भी फसह जो मसीह है, बलिदान हुआ है।” – १ कुरिन्थियों ५:७
दोस्त , आज कुछ वक़्त निकालकर यीशु मसीह का शुक्र अदा करें, जिसने हमारे गुनाहों के लिए ख़ुद को मुकम्मल फ़सह के मेमने के तौर पर, क़ुर्बान कर दिया।
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