यीशु मसीह ने आपको बेदाग़ करने के लिए ख़ून बहाया

आपके चेहरे की पसंदीदा ख़ूबी क्या है? क्या आपको अपनी नाक, मुस्कान या आँखें पसंद हैं? मेरे लिए, मेरे गालों के डिम्पल्स हैं। मेरे बाएँ गाल पर पूरा और दाएँ पर छोटा सा डिम्पल है और ज़ैक ने भी मुझसे बिल्कुल वैसे ही विरासत में पाया है। 🥰
अगर आप बाइबल के ज़माने के किसी यहूदी आदमी से पूछते, तो वह गर्व से कहता, "मेरी दाढ़ी।"
दाढ़ी मर्दानगी, अधिकार और सामाजिक रुतबे की निशानी थी। यह ताक़त और पुरुषत्व को दर्शाती थी और मर्दों को लड़कों से अलग करती थी।
इसीलिए किसी मर्द की दाढ़ी नोंच लेना, ख़ासकर सज़ा के वक़्त, सबसे बड़ी बेइज़्ज़ती मानी जाती थी। – नेहेमियाह १३:२५ और – २ शमूएल १०:४
क्रूस पर चढ़ाए जाने वाले लोगों की दाढ़ियाँ ज़बरदस्ती नोचकर उन्हें बेइज़्ज़त और शर्मिंदा किया जाता था।
दोस्त , जब यीशु मसीह की दाढ़ी बेरहमी से नोंच ली गई, तब उसने आपके लिए तीसरी बार ख़ून बहाया था:
"मैंने विरोधियों को अपनी पीठ दिखा दी, तथा अपने गाल उनके सामने किए, कि वे मेरी दाढ़ी के बाल नोच लें; मैंने अपने मुंह को थूकने तथा मुझे लज्जित करने से बचने के लिये नहीं छिपाया।" – यशायाह ५०:६
हमें हमारी हर बेइज़्ज़ती और शर्मिंदगी से आज़ाद करने के लिए, यीशु मसीह ने सबसे बड़ी बेइज़्ज़ती सही।
"जब यह सच है तो मसीह का लहू कितना प्रभावशाली होगा। उसने अनन्त आत्मा के द्वारा अपने आपको एक सम्पूर्ण बलि के रूप में परमेश्वर को समर्पित कर दिया। सो उसका लहू हमारी चेतना को उन कर्मों से छुटकारा दिलाएगा जो मृत्यु की ओर ले जाते हैं ताकि हम सजीव परमेश्वर की सेवा कर सकें।" – इब्रानियों ९:१४
जब हम अपना ईमान यीशु मसीह पर रखते हैं और क्रूस पर किए गए बलिदान को क़बूल करते हैं, तो शर्मिंदगी का हम पर कोई अधिकार नहीं रहता है!
"जो कोई उस पर विश्वास करेगा वह लज्जित न होगा।" – रोमियों १०:११
दोस्त , अगली बार जब आप आईने में देखें, तो यह ज़रूर याद रखें, कि यीशु मसीह ने आपकी हर शर्मिंदगी और बेइज़्ज़ती को सहा है, ताकि आप सर ऊँचा करके, उसकी मुक़म्मल मोहब्बत में, बाइज़्ज़त बरी ज़िंदगी के साथ जी सकें!

