• HI
    • AR Arabic
    • CS Czech
    • DE German
    • EN English
    • ES Spanish
    • FA Farsi
    • FR French
    • HI Hindi
    • HI English (India)
    • HU Hungarian
    • HY Armenian
    • ID Bahasa
    • IT Italian
    • JA Japanese
    • KO Korean
    • MG Malagasy
    • NL Dutch
    • NL Flemish
    • NO Norwegian
    • PT Portuguese
    • RO Romanian
    • RU Russian
    • SV Swedish
    • TA Tamil
    • TH Thai
    • TL Tagalog
    • TL Taglish
    • TR Turkish
    • UK Ukrainian
    • UR Urdu
Publication date 10 अप्रै. 2025

यीशु मसीह ने अपनी मर्ज़ी से ख़ून बहाया

Publication date 10 अप्रै. 2025

मुझे खेल खेलना बहुत पसंद है, मगर मैं यह स्वीकार करती हूँ की हारने पर, मैं आसानी से नाराज़ हो जाती हूँ। 😏 वक़्त के साथ मैंने ख़ुद में सुधार लाने की कोशिश की है, लेकिन इस बात से शर्म आती है कि बचपन में, हारने पर, ग़ुस्से में, कई बार मैं ज़ोर-ज़ोर से रोती थी, चिल्लाती थी और खिलौने को हवा में फेंक देती थी।🫣

आजकल, हार जाने पर मैं, मन-ही-मन यह कह कर अपने आपको तसल्ली देती हु की, "मैंने तो बस उन्हें जीतने दिया। उन्हें हराना मेरे बाये हाथ का खेल हैं, लेकिन, इस बार उनकी ख़ुशी के लिए, मैंने हार मान ली!" 🤪

यीशु मसीह के साथ कुछ ऐसा ही हुआ था! जब उसे गिरफ़्तार किया गया और सलीब पर चढ़ाया गया, तो वो न ही पराजित हुआ; न ही उसने हार मानी।

"पिता इसलिये मुझ से प्रेम रखता है कि मैं अपना प्राण देता हूँ कि उसे फिर ले लूँ। कोई उसे मुझ से छीनता नहीं, वरन् मैं उसे आप ही देता हूँ। मुझे उसके देने का भी अधिकार है, और उसे फिर ले लेने का भी अधिकार है : यह आज्ञा मेरे पिता से मुझे मिली है।”यूहन्ना १०:१७-१८

किसी ने यीशु मसीह की जान नहीं ली। उसने अपनी मर्ज़ी से अपनी जान क़ुर्बान कर दी

उस पर न तो किसी ने ज़बरदस्ती क़ाबू पाया, न ही कोई उसे धोखा या दग़ा दे सका और न ही कोई उसे अपने जाल में फँसा सका—देखो, क्या हुआ जब कुछ लोग उसे गिरफ़्तार करने आए...

"फिर यीशु जो सब कुछ जानता था कि उसके साथ क्या होने जा रहा है, आगे आया और उनसे बोला, “तुम किसे खोज रहे हो?” उन्होंने उसे उत्तर दिया, “यीशु नासरी को।” यीशु ने उनसे कहा, “वह मैं हूँ।” (तब उसे धोखे से पकड़वाने वाला यहूदा भी वहाँ खड़ा था।) जब उसने उनसे कहा, “वह मैं हूँ,” तो वे पीछे हटे और धरती पर गिर पड़े।” यूहन्ना १८:४-६

सिर्फ़ तीन अल्फ़ाज़ - "वह मैं हूँ " - और सारे हथियार पकड़े हुए सिपाही ज़मीन पर गिर गए। क्यों? क्योंकि ये सिर्फ़ एक परिचय नहीं था। ऐसा ही कुछ ख़ुदा ने मूसा से जलती झाड़ी के ज़रिए कहा था:

‘मैं जो हूँ सो हूँ।’ –  निर्गमन ३:१४

जब यीशु मसीह ने ये अल्फ़ाज़ कह कर, अपनी दिव्य पहचान और अज़ीम ताक़त को ज़ाहिर किया, तब चारों तरफ़ मौजूद लोग ज़मीन पर गिर पड़े।

क़त्ल छोड़ो, वे यीशु मसीह को गिरफ़्तार भी नहीं कर सके!

जैसे हम ईस्टर से पहले इन दो हफ़्तों में जो समय बिता रहे हैं, इसे याद रखिए:

यीशु मसीह ने अपनी ज़िंदगी नहीं खोई, बल्कि उसे ख़ुद अपनी मर्ज़ी से, एक मक़सद के साथ, आपके लिए क़ुर्बान कर दी।

आप एक चमत्कार हैं।

Jenny Mendes
Author

Purpose-driven voice, creator and storyteller with a passion for discipleship and a deep love for Jesus and India.