यीशु मसीह ने एक ही बार सबके लिए ख़ून बहाया

ज़रा सोचिए, यह कितना अजीब लगेगा, अगर आप रविवार को अच्छे से तैयार होकर चर्च आएँ और दरवाज़े पर कोई आपके हाथ में किसी मरे हुए जानवर के ख़ून से भरा प्याला थमा दे, फिर आपसे कहे कि पश्चाताप और ख़ुदा से माफ़ी पाने के लिए उसमें अपनी उंगलियाँ डुबोकर सात बार छिड़कें?
आप करेंगे?... शायद नहीं!
हमारी इक्कीसवीं सदी में यह नज़ारा समझ पाना नामुमक़िन है। लेकिन पुराने नियम में, यह यहूदी कॅलेंडर के सबसे पवित्र दिन "प्रायश्चित के दिन" पर, इस्राएल के महायाजक द्वारा किए जाने वाले पाक रिवाज़ का एक हिस्सा था।
साल में एक बार, इस पाक दिन पर, पूरा इस्राएल देश प्रायश्चित करता था और उनके पिछले साल के सारे गुनाह माफ़ कर दिए जाते थे।
ख़ुदा ने विस्तार से बताया कि प्रायश्चित के दिन को कैसे मनाया जाए, जैसा कि लैव्यव्यवस्था १६ में लिखा है: ख़ून का छिड़कना, लोगों के गुनाहों के लिए “प्रायश्चित करने” के अनेक कदमों में से एक था।
पौलुस हमें सिखाता हैं कि पुराने नियम के ये रिवाज़ और त्यौहार केवल आने वाली हक़ीक़त की एक परछाईं हैं:
"क्योंकि ये सब आनेवाली बातों की छाया हैं, पर मूल वस्तुएँ मसीह की हैं।" - कुलुस्सियों २:१७
महायाजक द्वारा ज़मीन पर बलिदान के ख़ून को सात बार छिड़कना, यीशु मसीह की भविष्यवाणी का एक प्रतीक था - हमारे परम महायाजक, जिनका ख़ून गुड फ़्राइडे के दिन, आपके और मेरे लिए, सात बार ज़मीन पर गिरा।
पुराने नियम में, महायाजक को प्रायश्चित के इस रिवाज़ को हर साल दोहराना पड़ता था। लेकिन जब यीशु मसीह आया, तो उसने सबके ख़ातिर, एक ही बार ख़ून बहाकर सबका उद्धार क़िया!
"परन्तु जब मसीह आनेवाली अच्छी अच्छी वस्तुओं का महायाजक होकर आया, तो उसने और भी बड़े और सिद्ध तम्बू से होकर, जो हाथ का बनाया हुआ नहीं अर्थात् इस सृष्टि का नहीं, और बकरों और बछड़ों के लहू के द्वारा नहीं पर अपने ही लहू के द्वारा, एक ही बार पवित्रस्थान में प्रवेश किया और अनन्त छुटकारा प्राप्त किया।" - इब्रानियों ९:११-१२
दोस्त , आज कुछ वक़्त निकालकर, यीशु मसीह का शुक्रिया अदा करें, क्योंकि अब हमें प्रायश्चित करने के लिए रिवाज़ों और जानवर के बलिदानों की ज़रूरत नहीं है, बल्कि, हम उसके मुक़म्मल क़ुर्बानी के ज़रिए हर दिन रिहाई हासिल कर सकते हैं!

