एक मुक़म्मल क़ुर्बानी के लिए यीशु मसीह ने अपना ख़ून बहाया

यक़ीन नहीं हो रहा है कि अप्रैल महिना आ चुका है - वक़्त कितनी तेज़ी से गुज़रता है, है ना? क्रिसमस तो ऐसा लगता है जैसे कल की बात हो और अब ईस्टर सिर्फ़ दो हफ़्ते दूर है! 😳
जैसे हम यीशु मसीह के मृत्यु और पुनरुत्थान के जश्न को मनाने की तैयारी कर रहे हैं, मैं आपको हमारे साथ एक अहम सफ़र पर चलने का न्योता देना चाहती हूँ। अगले दो हफ़्तों में, हम यीशु मसीह के क्रूस की क़ुर्बानी से जुड़े कुछ अज़ीम और चमत्कारी घटनाओं पर गौर करेंगे।
हमारी नज़र ख़ासकर, यीशु मसीह के उन सात मर्तबा ख़ून बहने पर होगी जो उसके आख़री १८ घंटों में हुए थे।
ये न तो इत्तेफाक और न आकस्मिक थे - बल्कि इन्होंने, यीशु मसीह के ख़ून के हर एक कतरे-कतरे पर प्राचीन भविष्यवाणियों को पूरा किया। बाइबल में, सात नंबर को परीपूर्णता, संपूर्णता और कामिलियत का प्रतीक माना जाता है। हर बार यीशु मसीह का ख़ून बहने से एक मुक़म्मल कार्य स्थापित हुआ:
- माफ़ी
- रिहाई
- शुद्धिकरण
- शिफ़ा
- आज़ादी
- सुलह
- उद्धार
ये सातों मिलकर एक संपूर्ण और मुक़म्मल क़ुर्बानी बन जाती हैं, जो यीशु मसीह ने हमारे लिए क्रूस पर किया।
"क्योंकि तुम जानते हो कि तुम्हारा निकम्मा चालचलन जो बापदादों से चला आता है, उससे तुम्हारा छुटकारा चाँदी–सोने अर्थात् नाशवान् वस्तुओं के द्वारा नहीं हुआ; पर निर्दोष और निष्कलंक मेम्ने, अर्थात् मसीह के बहुमूल्य लहू के द्वारा हुआ।" - १ पतरस १:१८-१९
दिलचस्प बात यह है, कि सात नंबर का संबंध, पवित्र आत्मा के कार्यों से भी किया गया है। यूहन्ना ने सात दीपों (चिराग़ो) को देखा, जो ख़ुदा की सात आत्माओं का प्रतीक थे। प्रकाशित वाक्य ४:५ इसी तरह, दीवट में सात शाखाओं वाला दीपस्तंभ यह याद दिलाता था कि ख़ुदा की हुज़ूरी हमेशा बनी रहती है। पवित्र आत्मा वह तेल (रौशनी) है जो कभी ख़त्म नहीं होता। निर्गमन २५
दोस्त , पवित्र आत्मा चाहता है कि आपकी ज़िंदगी में वो तमाम चीज़ें लाए जो यीशु मसीह ने आपके लिए क्रूस पर पुरे किए है और आपके ईमान के बुनियाद पर, वो सात काम मुक़म्मल करे!
"क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है" - इफिसियों २:८
दोस्त , क्या आप इस सफ़र में मेरे साथ शामिल होंगे? अगर हाँ, तो मेरे साथ यह दुआ करें:
"पवित्र आत्मा, जैसे-जैसे हम ईस्टर के क़रीब पहुँच रहे हैं, मेरे दिल को, यीशु मसीह के क़ुर्बानी के नए प्रकाशनों के लिए तैयार कर और मुझे उसके मुक़म्मल कार्यों पर पूरा ईमान रखने में मदद कर।"
यीशु मसीह के नाम में आमीन।

