मेरी आँखें यहोवा पर सदा टिकी रहती हैं - भजन संहिता २५:१५

क्या आपने कभी ऐसे वीडियो देखे हैं, जिनमें लोग दरवाज़े या साइनबोर्ड से टकरा जाते हैं क्योंकि वे अपने फोन में इतने व्यस्त होते हैं कि यह भी नहीं देखते कि वे कहाँ जा रहे हैं?
आपकी नज़र जहाँ रहती है या जो चीज़ें आप नज़रअंदाज़ करते हैं, वही तय करता है कि आप कहाँ जा रहे हैं और किससे टकराने वाले हैं।
यह रूपक के तौर पर भी सच है। जब हम अपनी हालातों, ज़िंदगी की मुश्किलों और रास्ते में आने वाली रुकावटों को ही देखते रहते हैं, तो कई बार ख़ुदा की भलाई को देखने से चूक जाते हैं, जो हर वक़्त हमारे इर्द-गिर्द मौजूद है। दाऊद ने इस मसले का हल खोज लिया था:
"मेरी आँखें सहायता पाने को यहोवा पर सदा टिकी रहती हैं। मुझे मेरी विपति से वह सदा छुड़ाता है। हे यहोवा, मैं पीड़ित और अकेला हूँ। मेरी ओर मुड़ और मुझ पर दया दिखा। मेरी विपतियों से मुझको मुक्त कर। मेरी समस्या सुलझाने की सहायता कर। हे योहवा, मुझे परख और मेरी विपत्तियों पर दृष्टि डाल। मुझको जो पाप मैंने किए हैं, उन सभी के लिए क्षमा कर। जो भी मेरे शत्रु हैं, सभी को देख ले। मेरे शत्रु मुझसे बैर रखते हैं, और मुझ को दु:ख पहुँचाना चाहते हैं।" – भजन संहिता २५:१५-१९
दाऊद को अपनी परेशानियों का पूरा अहसास था और उसकी मुश्किलें असली थीं:
- उसको फ़सानेवाले।
- हर तरफ़ तन्हाई और दर्द।
- दिल की उलझनें।
- तकलीफ़ें, ग़म और परेशानियाँ।
- पाप।
- दुश्मन जो हिसंक नफ़रत करते हैं।
इन गंभीर मसलों का मुक़ाबला करते हुए और तमाम मुश्किलों के दौरान, दाऊद ने अपनी आँखें ख़ुदा ही पर लगाए रखने का फ़ैसला किया, जैसा कि पौलुस हमें इब्रानियों १२:२ में सिखाता है कि हमें अपनी नज़रें यीशु मसीह पर जमाए रखने का चुनाव करना हैं, जो हमारे ईमान का आग़ाज़ और अंजाम है।
दोस्त , जब आप दाऊद की तरह अपनी परेशानियों की जगह ख़ुदा की अज़ीमता, बेइंतिहा मोहब्बत और बेहिसाब रहमत पर नज़रें टिकाते हैं, तो आपको यह एहसास होगा कि आपकी मुश्किलें उसके मुक़ाबले बहुत छोटी हैं।
दोस्त , मैं आपको प्रोस्ताहित करता हूँ कि इस हफ़्ते हर दिन भजन संहिता २५ को अपने और अपने घरवालों के लिए पढ़ें। मैं आख़री आयत में अपने परिवार का नाम जोड़ कर इस दुआ को पढ़ता हूँ:
"हे परमेश्वर, मेंडीस परिवार को उनके सारे संकटों से छुड़ा ले। " अभी आप भी ऐसा कर सकते हैं और मैं आपके लिए यह दुआ करूँगा: "हे परमेश्वर, दोस्त , को उसके सारे संकटों से छुड़ा ले!"

