हर जगह से सलाह और शिक्षा हासिल करें

क्या अब तक आपको यह 'फ़र्क़ करना सीखें' की सीरीज अच्छी लग रहीं हैं? क्या आपने कुछ नया सीखा है या कोई प्रकटीकरण पाया है? मुझे जानकर ख़ुशी होगी।
हमें हर वक्त किसी नबी, पंडित या पासबान पर निर्भर रहने की ज़रूरत नहीं है - जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, ख़ुदा की मर्ज़ी को पहचानने की काबिलियत, हर विश्वासी के लिए उपलब्ध है क्योंकि यीशु मसीह ने अपनी मौत और पुनरुत्थान के ज़रिए, पिता तक जाने का रास्ता फ़िर खोल दिया है। अब हम:
" अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बाँधकर चलें कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएँ जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।" – इब्रानियों ४:१६
आत्मिक फ़र्क़ करने और सही-ग़लत की पहचान करने के लिए, ख़ुदा के लोगों से सलाह हासिल करना अहम और ज़रूरी है। यह बाइबल का सिद्धांत भी है।
*"हर जगह से सलाह और शिक्षा हासिल कर ताक़ि तू सारी उम्र समझदार ठहरे।” – नीतिवचन १९:२०
"मूढ़ को अपनी ही चाल सीधी जान पड़ती है, परन्तु जो सम्मति मानता, वह बुद्धिमान है।"– नीतिवचन १२:१५
"इसलिये जब तू युद्ध करे, तब युक्ति के साथ करना, विजय बहुत से मंत्रियों के द्वारा प्राप्त होती है।" – नीतिवचन २४:६
एक ख़ूबसूरत मिसाल, मूसा और उसके ससुर, यित्रो की कहानी (निर्गमन १८) में मिलता है । यित्रो ने देखा कि मूसा पर ज़िम्मेदारियों का बोझ बहुत भारी है और उसने उसे सोची-समझी और व्यावहारिक सलाह दी। पहले, उसने चुनौतीपूर्ण सवाल पूछे (निर्गमन १८:१४) और फिर मूसा के लिए समाधान पेश किया (निर्गमन १८:१८)।अंत में, यित्रो ने यह स्वीकार किया कि उसकी समझदारी से भरी सलाह के बावजूद, ख़ुदा अपनी मर्ज़ी मूसा पर ज़रूर इज़हार करेगा।"
"यदि तू यह उपाय करे, और परमेश्वर तुझ को ऐसी आज्ञा दे, तो तू ठहर सकेगा, और ये सब लोग अपने स्थान को कुशल से पहुँच सकेंगे।" – निर्गमन १८:२३
दोस्त , आपके ज़िंदगी में “यित्रो” कौन हैं? एक पल लें और उन ख़ुदा के सलाहकारों की सूचि बनाये जिन पर आप यक़ीन करते हैं - वे जो सही सवाल पूछते हैं, आपकी भलाई और भविष्य की परवाह करते हैं और यह पहचानते हैं कि आख़री फ़ैसला ख़ुदा का ही है।
(*इस प्रोत्साहन के कुछ आयत मेरे अल्फ़ाज़ और अंदाज़ में लिखें हैं)

