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Publication date 22 मार्च 2025

स्तंभ ख़ामोश रहता हैं लेकिन मंच शोर मचाता हैं

Publication date 22 मार्च 2025

जब मैं मंच पर होता हूँ, तो संगीत और साज़ के आवाज़ की वजह से इतना ज़्यादा शोर होता है कि मैं अपनी टीम से बात भी नहीं कर पाता और न ही उनकी कोई बात सुन सकता हूँ। इसलिए, हम इशारों का इस्तेमाल करते हैं ताकि एक-दूसरे को बता सकें कि अगला गीत कब शुरू करना है या सुर कब बदलना है।

मंच पर ज़्यादा शोर होता है - सिर्फ़ हक़ीक़त में ही नहीं, बल्कि रूपक में भी।

सोशल मीडिया हर किसी को अपनी राय ज़ाहिर करने, फॉलोवर्स बनाने, बढ़ाने और अपनी कही बातों या वीडियोज को फ़िरसे शेअर करने के लिए प्रेरित करती है।

कई बार, हम सोशल मीडिया पर खुद को “मसीही” कहने वाले लोगों के कमेंट्स पढ़ते हैं और सोचते हैं कि क्या वे सच में ख़ुदा की मोहब्बत और फ़ज़ल को समझते भी हैं? 🤔

हम ऐसे ज़माने में रहते हैं जहाँ हर कोई अपनी राय सामने रख़ना चाहता है और उसे चारों तरफ़ फ़ैलाना चाहता है। लेकिन जैसा कि हमने प्रकाशितवाक्य ३:१२ से सीखा हैं - ख़ुदा हमें मंच नहीं, बल्कि स्तंभ बनने के लिए बुलाता है।

स्तंभ ख़ामोश रहता हैं लेकिन मंच शोर मचाता हैं।  

"स्तंभ कुछ बन जाने की ज़िद रखतें हैं लेकिन मंच सिर्फ़ कुछ कहने के लिए ज़ोर देते हैं।" – फ़िल डूली

बोलना ग़लत नहीं है - यीशु मसीह ने भी तब आवाज़ उठाई जब उसने मंदिर में व्यापार करने वालों की मेज़ें पलट दीं और उन्हें बाहर निकालते हुए कहा कि उन्होंने मेरे ख़ुदा के घर को लुटेरों की गुफ़ा बना दि है। - मरकुस ११:१५-१७ 

लेकिन यीशु मसीह जानता था कि कब ख़ामोश रहना चाहिए:

"जब प्रधान याजक और पुरनिए उस पर दोष लगा रहे थे, तो उसने कुछ उत्तर नहीं दिया। इस पर पिलातुस ने उससे कहा, “क्या तू नहीं सुनता कि ये तेरे विरोध में कितनी गवाहियाँ दे रहे हैं?” परन्तु उसने उसको एक बात का भी उत्तर नहीं दिया, यहाँ तक कि हाकिम को बड़ा आश्‍चर्य हुआ।" - मत्ती २७:१२-१४

यीशु मसीह के सामने कई लोग थे (बड़े या छोटे) फिर भी उसने कुछ भी कहने के लिए मंच का इस्तेमाल करना ज़रूरी नहीं समजा! 😳 वो कहाँ से आया और कौन है, इस बात पर उसे पूरा यक़ीन था और यह भी जानता था कि कब ख़ामोश रहना है। हमें भी यही सीखना चाहिए:

"हे मेरे प्रिय भाइयो, यह बात तुम जान लो : हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्पर और बोलने में धीर और क्रोध में धीमा हो।" - याकूब १:१९  

दोस्त , जिसकी ज़िंदगी की बुनियाद यीशु मसीह के चट्टान पर बनी हैं, ताक़तवर लफ्ज़ उसी इंसान की जुबाँ के निशान होते हैं। आज (और हर दिन) पवित्र आत्मा से दुआ करें कि वह आपको सिखाए कि कब बोलना है और कब ख़ामोश रहना है।

आप एक चमत्कार हैं।

Cameron Mendes
Author

Worship artist, singer-songwriter, dreamer and passionate about spreading the Gospel.