बे रोक फ़रामोशी

क्या आपने कभी सोचा है कि फ़रामोशी (भूलना) भी एक अच्छी बात हो सकती है? ज़्यादातर समय, ऐसा नहीं होता। भुलक्कड़ होना आम तौर पर गर्व करने वाली बात नहीं है, सिवाय इसके कि जब यह अतीत को भुलाकर आगे बढ़ने की बात हो, जैसा कि पौलुस फिलिप्पियों ३:१३-१४ में स्पष्ट करता हैं:
“हे भाइयो, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूँ; परन्तु केवल यह एक काम करता हूँ कि जो बातें पीछे रह गई हैं उनको भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ, निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूँ, ताकि वह इनाम पाऊँ जिसके लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है।”
अकसर हम अपने अतीत में फ़स जाते हैं और कुछ नकारात्मक अनुभवों को बार-बार याद करके, उन लोगों की बातें करते हैं जिन्होंने हमें चोट पहुँचाई है और हमारे साथ जो कुछ भी हुआ था, उसका शिकार बनने की तरह बर्ताव करते हैं।
गुज़रे हुए वक़्त को छोड़ना मुश्किल है, लेकिन बेहद ज़रूरी भी है!!
जिन लोगों ने हमें ज़ख़्म दिए हैं, उन्हें माफ़ करना हमारे लिए ज़रूरी है, तभी हम अपने गुज़रे हुए कल से आज़ाद हो सकते हैं। यीशु मसीह ने हमें सिखाया है:
“इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा।” – मत्ती ६:१४-१५
अगर आप गुज़रे हुए कल में फंसे हैं, गुनाह करतें जा रहें हैं और ना-माफ़ी की ज़िद पकड़े हुए चल रहे हैं, तो एक आज़ाद और रूहानी ज़िंदगी जीना मुश्किल है। ख़ुदा की माफ़ी हासिल करने और आगे बढ़ने की कुंजी, दूसरों को माफ़ करने में ही है।
यह एक अज़ीम और ताक़तवर हक़ीक़त है।
दोस्त , मैं आपको न्योता देती हूँ कि आप अपना अतीत और वह सारी दिल की नाराज़गीयाँ ख़ुदा के हवाले कर दें और मेरे साथ यह दुआ करें:
“ऐ आसमानी पिता, मेरी मदद कर कि मैं अपने अतीत में उलझना बंद कर दूँ। मैं जितना पीछे मुड़कर देखती रहती हूँ, मेरे लिए आगे बढ़ना उतना ही मुश्किल हो जाता है। पवित्र आत्मा, मुझे मेरे सारे गुनहगारों की याद दिला जिन्हें मैंने पूरी तरह माफ़ नहीं किया है। मेरे लिए रखी वह अज़ीम और मुक़म्मल ज़िंदगी जीने के लिए मरहम का द्वार खोल दे और मेरे सारे ज़ख्मों को भर दे - यीशु मसीह के नाम में, आमीन!”

