ईमान से जो भी हम ख़ुदा को देते हैं, वो उसे और भी ज़्यादा बढ़ा देता है

पति का हिसाब वो है जब आप अपनी पत्नी से कहते हैं कि और खाना मांग लो, जबकि आपकी पत्नी कहती है कि उसे भूख नहीं है। कॅमरॉन को तो ये अच्छे से पता है!
हमारी शादी के शुरुआत के दिनों में, जब हम अकसर फूड कोर्ट जाते थे, कॅमरॉन मुझसे पूछते थे, “क्या आपको भूख लगी है?” - मेरा जवाब, “नहीं,” होता था, क्योंकि मैं जंक फूड (तेल में तला हुआ खाना) नहीं खाना चाहती थी। लेकिन जब वह के.एफ.सी से चिकन स्ट्रिप्स लेकर आते थे, तब अचानक से मेरी खाने के प्रति लालसा जाग जाती थी और मैं उनके हिस्से का ‘थोड़ा’ खा लेती थी 😇। हैरानी में वो मुझसे कहते थे, “आपको तो भूख नहीं लगी थी और मैंने जो खाना मंगाया था, वो मेरे लिए ही था, लेकिन आपने मेरा आधा खाना ख़त्म कर दिया।
अब यह हमारे बीच में एक मज़ेदार बात बनके रह गयी है – अब कॅमरॉन हमेशा पहले से ज़्यादा खाना मंगाते हैं और मैं पूछती हूँ, “क्या आपने सिर्फ़ आपके लिए ही लाया हैं या मुझे भी उस हिसाब में जोड़ा हैं?
यीशु मसीह के पास भी खाने के बारे में कुछ दिलचस्प हिसाब था। मत्ती १४:१३-२१ में जब यीशु मसीह को सुनने के लिए सुनसान जगह पर बड़ी भीड़ जमा हुई थी, तो वहाँ सबको भूख लगी थी। यह देखकर चेलों ने यीशु मसीह से कहा:
“यह सुनसान जगह है और देर हो रही है; लोगों को विदा किया जाए कि वे बस्तियों में जाकर अपने लिये भोजन मोल लें।” पर यीशु ने उनसे कहा, “उनका जाना आवश्यक नहीं! तुम ही इन्हें खाने को दो।” उन्होंने उससे कहा, “यहाँ हमारे पास पाँच रोटी और दो मछलियों को छोड़ और कुछ नहीं है।” उसने कहा, “उनको यहाँ मेरे पास ले आओ।” – मत्ती १४:१५-१८
५,००० आदमियों के साथ-साथ औरतों और बच्चों को खिलाने के लिए सिर्फ़ पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ? यीशु मसीह के इस हिसाब ने सबको हैरान कर दिया! 🤔
फिर भी, यीशु मसीह ने शुक्रिया के साथ, रोटियाँ तोड़ीं और मछलियोँ के साथ सभी को ख़िलाकर तृप्त किया - और यह सिर्फ़ इतना नहीं था कि किसी तरह से पेट भर जाए – लेकिन हर किसी के लिए भरपूर था और उसमे से बारह टोकरीयाँ भी बची थी (मत्ती १४:२०)!यह कहानी सिर्फ़ खाने के चमत्कार के बारे में ही नहीं है – लेकिन यह इस बात की गवाही है कि हम, ईमान रखतें हुए, जो भी ख़ुदा के हवाले करते हैं, वो उसमें बेहिसाब और अनगिनत बरक़त लाता हैं!
दोस्त , आज आप, ईमान रखतें हुए, ख़ुदा के हवाले क्या करना चाहतें हैं? इसकी सूची बनाएँ और ‘रब दा हिसाब’ पर यक़ीन रखें।

