ख़ुदा आपसे बात करने के लिए बेकरार है, आपको बदलने की ख्वाहिश रखता है और आपके ध्यान के लिए उस्तुक है

सुप्रभात! क्या आपने देखा है कि आजकल एक ट्रेंड चल रहा है, जिसमें लोगों को सुबह को जोश के साथ शुरुआत करने की आग्रह दी जाती है? जैसे की, जल्दी उठना, पानी पीना, कसरत करना, ख़ास नाश्ता करना, मनन करना, या यहां तक कि अपने दांतों को एक ख़ास तरीके से साफ करना। 🪥
सुबह की अच्छी शुरुआत की अहमियत रखना कोई नई बात नहीं है; दरअसल, यह एक बहुत पुरानी और बाइबल प्रथा है। बाइबल हमें हर दिन की शुरुआत ख़ुदा के साथ करने के लिए प्रोत्साहित करती है:
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"हे यहोवा, भोर को मेरी वाणी तुझे सुनाई देगी, मैं भोर को प्रार्थना करके तेरी बाट जोहूंगा।" – भजन संहिता ५:३
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"भोर होने पर, जब अंधकार ही था, मसीह येशु उठे और एक सुनसान जगह को गए. वहां वह प्रार्थना करने लगे.।" – मरकुस १:३५
इसीलिए हम आपको रोज़ाना 'चमत्कार का प्रोस्ताहन' भेजते हैं—ताकि आप हर दिन की शुरुआत ख़ुदा के साथ कर सकें। हर प्रोस्ताहन के ई-मेल्स के अंत में एक कार्यभार होता है, चाहे वह एक गीत सुनना हो, या दुआ करना हो, या मनन करना हो, जिसे आपके दिल में हलचल पैदा करने, लफ़्ज़ों को कार्य में बदलने और ख़ुदा को आपके अंदर काम करने का मौक़ा देने के लिए रचाया गया है।
"ख़ुदा आपसे बात करने के लिए बेकरार है, आपको बदलने की ख्वाहिश रखता है और आपके ध्यान के लिए उस्तुक है।"
लगातार अपने दिन की शुरुआत ख़ुदा के साथ करने से वाक़ई जिंदगी में परिवर्तन लाएगा। मूसा ऐसे दुआ करता है, "भोर को हमें अपनी करूणा से तृप्त कर, कि हम जीवन भर जयजयकार और आनन्द करते रहें।" – भजन संहिता ९०:१४
दोस्त , ‘चमत्कार हर दिन’ को पढ़ने के अलावा 😉, अपने दिन की शानदार शुरुआत करने का एक बेहतरीन तरीक़ा यह है- एकांत होकर ख़ामोशी में खुदा के साथ कुछ लम्हें बिताये। कोशिश करें कि १०-१५ मिनट के लिए एकांत हो जाए और अपना फ़ोन बंद करके यह दुआ दिलसे करें, "ख़ुदावंद मैं यहां हूँ।" जब आपका मन भटकता है (जो बिल्कुल आम बात है!), धीरे से अपनी सोच को फिर से इस दुआ की तरफ़ ले आएं "ख़ुदावंद, मैं यहां हूँ।" अंत में यह दुआ के साथ समाप्त करें।

