खुदा के इंतज़ार में, मैं उसके वचनो पर उम्मीद रखती हु

अभी तक हमने आपसे ‘पहले क्रिसमस’, जो यीशु मसीह का जन्म और उसके आगमन के इंतजार के बारे में, बात की थी।
मुझे मेरे बेटे ज़ैक के जन्म का इंतज़ार आज भी याद है। सब्र वो गुण है जो मुझमें नैसर्गिक रूप से नहीं है 😏और मैं बेसब्री से अपने पेट में पल रहे बच्चे से मिलने का इंतज़ार कर रही थी।
उसका जन्म अपनी नियुत्क तारीख से पाँच दिन बाद हुआ। लेकिन नियुत्क तारीख के दूसरे दिन तक मुझे ऐसा लगने लगा कि अब और इंतज़ार नहीं कर सकती और मैंने खुद को यह तस्सली दी कि शायद मैं दुनिया कि पहली ऐसी माँ होऊंगी जिसका बच्चा हमेशा मेरे पेट में ही रह जाएगा 🤣🙈।
ख़ुदा के इंतज़ार में रहना, एक बच्चे के आगमन का इंतज़ार करने जैसा होता है, जो उत्साह और उम्मीद से भरा होता है। वो एक ऐसा इंतज़ार है जो हमें बेताबी से अपनी कुर्सी के किनारे पर बैठा देता है और इस प्रत्याशा से भरा होता है कि, हमारे ज़िंदगी में ख़ुदा का आगमन क्या रंग लाएगा!!
"मैं खुदा के इंतज़ार में उसके वचनो पर उम्मीद रखती हु। सुबह के इंतज़ार करनेवाले पहरेदारों से ज्यादा, मेरा प्राण तेरा इंतज़ार करता है।"* – भजन संहिता १३०:५-६
यीशु मसीह नए खुलासे और ज्यादा बरकतें लेकर आपकी ज़िंदगी में अचंभित तरीक़ों से आना चाहता हैं। ख़ुदा का इंतज़ार करते रहो, ताकि आपसे उसका आगमन न चुके।
व्यवहारिक तौर पर, ख़ुदा का इंतज़ार करने के कई तरीक़े हैं, जैसे दुआ करना, इबादत करना, बाइबल पढ़ना और उसके उपस्थिति में ख़ामोश हो कर उसमे मगन होना।
दोस्त , मैं आपको उत्साहीत करना चाहूंगी कि आप खुदा के इंतज़ार में सक्रियता से कुछ वक़्त निकालें। ऊपर दिए गए किसी भी तरीके चुन कर इस दुआ से शुरू करें:
"मेरे प्यारे यीशु मसीह, मैं अपनी ज़िन्दगी के हर पहलू में तेरे आगमन का बेसब्री से इंतज़ार कर रही हूँ। तेरी दी हुई कोई भी बरकत मुझसे ना छूटे। मुझसे बात करें जैसे ____(इस दुआ को अपने शब्दों में पूरा करे)। आमीन।"
(*इस प्रोहत्सान के कुछ आयात मेरे अल्फ़ाज़ और अंदाज़ में लिखे गए हैं)

