कल के मुश्किलों की बचाव-योजना, यीशु मसीह के साथ आज जीने से शुरू होती हैं
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अय्यूब के क़िताब पर मनन करते हुए हम अंतिम दिन तक पहुंच गए हैं। आपको यह मनन कैसा लगा? अगर आपको इससे कोई प्रेरणा मिली हैं तो हमें जरुर बताए।
अय्यूब का क़िताब पढ़ते हुए एक मुख्य सवाल उठता हैं: ख़ुदा हमारे ज़िंदगी में मुश्किलें क्यों आने देता हैं? अक्सर इस सवाल का जवाब नहीं होता हैं लेकिन बाइबल में से हम सीखते हैं की ख़ुदा हमें परखने के लिए ऐसा होने देता हैं।
न केवल अय्यूब, बल्कि मत्ती ४:१ के अनुसार, यीशु मसीह को भी इस धरती पर उसके समय के दौरान, इम्तिहान के द्वारा, परखा गया था।*
मुश्किल समय में हमारे दिल की गहरी बातें बाहर आती हैं। ख़ुदा ने शैतान को अय्यूब को परखने की इजाज़त इस लिए दी क्योंकि वह शैतान को दिखाना चाहता था कि अय्यूब, बिना सभी आशीषों के भी, निर्दोष और धर्मी बना रहेगा। अय्यूब २:१० में अय्यूब ने कहा “क्या हम परमेश्वर के हाथ से केवल सुख ही सुख ग्रहण करें, और दु:ख नहीं?” इन सब बातों में भी अय्यूब ने अपने मुंह से कोई गलत बात नहीं की।“*
बाइबल हमे बार-बार यह बताती हैं कि कैसे ख़ुदा हमें आग जैसे मुश्किलों के जरिये परखता हैं और शुद्ध करता हैं । (नीतिवचन १७:३ , जकर्याह १३:९, पतरस १:७, मलाकी ३:२-३)
बाइबल में आग, मुश्किल और कठिन समय को दर्शाती हैं।
शैतान ने सोचा कि अय्यूब निर्दोष और धर्मी था क्योंकि उसके ज़िंदगी में मुश्किलों की कमी थी, लेकिन मुझे यकीन हैं कि उसकी धार्मिकता और निर्दोषता ने ही अय्यूब को आने वाली मुश्किलों के लिए तैयार किया था। आज की चुनौतियों में हमारी प्रतिक्रिया इस बात का परिलक्षण है कि हमने अपने कल कैसे जिए हैं।कल के मुश्किलों की बचाव-योजना, यीशु मसीह के साथ आज जीने से शुरू होती हैं।
दोस्त , आज आप ख़ुदा के करीब आने के लिए क्या कर सकते हैं? हर दिन यीशु मसीह के साथ समय बिताने की योजना बनाए और याद रखे एक चमत्कार पढ़ना एक अच्छे दिन की शानदार शुरुआत हैं!
(*इस प्रोत्साहन के कुछ आयत मेरे अल्फ़ाज़ और अंदाज़ में लिखे गए हैं)
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