माफ़ करना अच्छी ख़बर है

आज, हम इस माफ़ी की सीरीज को समाप्त करते हुए आपसे एक अहम सवाल पूंछना चाहते हैं : क्या आपको माफ़ी मिली हैं ?
हम दूसरों को माफ़ कर सकते हैं और करना ज़रूरी भी है, क्योंकि सबसे पहले ख़ुदा ने हमें माफ़ किया है!
ख़ुदा लगातार इस बात को साफ़-साफ़ कहता है कि हमें दूसरों को माफ़ करना चाहिए ताकि हम उसकी माफ़ी पा सकें:
- “इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा।” – मत्ती ६:१४-१५
- “दोष मत लगाओ, तो तुम पर भी दोष नहीं लगाया जाएगा। दोषी न ठहराओ, तो तुम भी दोषी नहीं ठहराए जाओगे। क्षमा करो, तो तुम्हें भी क्षमा किया जाएगा।” – लूका ६:३७
- “जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो।” – कुलुस्सियों ३:१३
हमें ख़ुदा की माफ़ी की ज़रूरत क्यों है?… क्योंकि, दोस्त , आप भी मेरी तरह गुनहगार है। 🫢
“क्योंकि सभी ने पाप किये है और सभी परमेश्वर की महिमा से रहित है।”
(रोमियों ३:२३), और हमें सभी को ख़ुदा की माफ़ी की ज़रूरत है। अच्छी खुशखबर यह है कि यीशु मसीह ने हमारे गुनाहों की कीमत चुकाई।
“हम को उसमें उसके लहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात् अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है।” – इफिसियों १:७-८
आप ख़ुदा की माफ़ी कैसे पा सकते हैं?… मन फिराके और उसे कबूल करके !
“यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है।” – १ यूहन्ना १:९
आइए दुआ करते हैं: ‘यीशु मसीह, सूली पर मेरे लिए कुर्बान होने के लिए शुक्रिया, आज मैं मन फिराता हूँ और आपकी माफ़ी को कबूल करता हूँ।’
दोस्त , आपको माफ़ किया गया है!
क्या आप किसी ऐसे शख्स को जानते हो जिसे ख़ुदा की माफ़ी की ज़रूरत है? उन्हें ये चमत्कार प्रोत्साहन भेजे।

