ख़ुदावंद आपको बेशुमार बरक़तों से नवाज़े

आपको इंटरनॅशनल महिला दिन मुबारक़ हो!! 💐
आज के अवसर पर, हम बाइबल के सबसे महान महिलाओं में से एक, उत्तम महिला, रूत से सबक़ लेने का सिलसिला जारी रखेंगे।
रूत एक परदेसी महिला थीं, जिसने अपने ससुराल की ज़िम्मेदारी निभाने के लिए सब कुछ पीछें छोड़ दिया और अपनी सास, नाओमी के साथ इस्राएल चली गईं। नाओमी ने उसे अपने परिवार के पास वापस जाने के लिए कहा, क्योंकि वहाँ उसके भविष्य के लिए बेहतर संभावनाएं थीं, लेकिन रूत ने इनकार करते हुए कहा:
“मुझे छोड़ने या पीछे हटने के लिए मजबूर मत करो। जहां आप जाएंगी, मैं जाऊंगी, और जहां आप रहेंगी, मैं रहूंगी। आपके लोग मेरे लोग होंगे और आपका परमेश्वर मेरा परमेश्वर होगा।” – रूत १:१६
रूत के इस क़दम से, ख़ुद की क़ुर्बानी और निस्वार्थता ज़ाहिर होती हैं। वह एक विधवा और अकेली स्त्री होने के कारण, एक नाज़ुक़ हालात में थी, और एक मोआबी होते हुए, अपने परिवार के प्रति मोहब्बत और वफ़ादारी की वजह से उस देश में जाने के लिए तैयार हुईं, जहाँ उसे दुश्मन माना जाता था।
रूत मुझे मेरी पत्नी, जेनी की याद दिलाती हैं। जब जेनी भारत आईं, मुझसे शादी की और येशुआ मिनिस्ट्रीज के सेवकाई में मेरे साथ जुड़ गईं, तो उसे बहोत सारी चीजों की क़ुर्बानी देनी पड़ी। उसने अपना आरामदायक देश, दोस्त, परिवार और एक वकील के रूप में सफ़ल व्यवसाय को त्याग दिया। उस वक़्त भजन संहिता ४५:१०-११ से उसने ताक़त हासिल की:
“हे राजकुमारी सुन, और कान लगाकर ध्यान दे; अपने लोगों और अपने पिता के घर को भूल जा; और राजा तेरे रूप की चाह करेगा। क्योंकि वह तो तेरा प्रभु है, तू उसे दण्डवत कर।”
हम शायद कभी यह नही समझेंगे कि हमारी ज़िंदगी से जुड़ी महिलाएं जैसे हमारी माँ, पत्नी, सास और बहनें अपनों के लिए कितनी क़ुर्बानी देतें हैं - ख़ास तौर पर वे अकेली महिलाएं जिनका कोई नहीं है।
दोस्त , आज, इंटरनॅशनल महिला दिन के अवसर पर, मैं आपके ज़िंदगी से जुड़ी महिलाओं को अपने अल्फ़ाज़ों और कामों से सम्मानित करने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ। उन सभी महिलाओं की एक सूची बनाएं, जो आपके ज़िंदगी में अहम भूमिका निभाती हैं और उन पर आज के दिन और इसके बाद हर दिन मोहब्बत और आदर बरसाइए।
मैं रूत २:१२ से यह दुआ सभी महिलाओं के लिए करना चाहता हूँ:“तुम्हारे सारे कामों और क़ुर्बानियों का हो बदला,ख़ुदा करे तुम्हें हर चीज़ में मिले वफ़ा,इस्राएल का राजा, तुम्हारा येशुआ,जिसके पंखों तले तुमने पाई है पनाह। वो तुम्हें दे एक ख़ूबसूरत इनाम, भरपूर बरक़त से बढ़ाए तुम्हारा मुक़ाम। तुम्हारे हर दर्द का बने वो इलाज, ख़ुदा की मेहेरबानी से भर दे तुम्हारा साज़।"

