अनुशासन प्रिय व्यक्ति को बुद्धिमता से प्रेम है

हमारे ईमान के सफ़र का सबसे अहम पहलू हमारी व्यक्तिगत और रूहानी तब्दीली है, जिसमें हम अपनी पुरानी आदतों को पीछे छोड़कर यीशु मसीह के जैसे बनने की ख्वाहिश रखते हैं।
ख़ुदा हमारे अंदर रूहानी तब्दीली कई तरीकों से लाता है, जिनमें गुनाहों का एहसास, उसके वचन की रोशनी और मुश्किल हालातों का दौर शामिल हैं।
कभी-कभी, वह हमारे ज़िदगी में मौजूद लोगों का इस्तेमाल भी करता है, ताकि वे हमें सही दिशा में निर्देश, सुधार और अनुशासन के ज़रिए ले जाएं। 😬 इन लफ्ज़ों को हम अक्सर पसंद नहीं करते, है ना?
"जैसे लोहा लोहे को चमका देता है, वैसे ही मनुष्य का मुख अपने मित्र की संगति से चमकदार हो जाता है।" - नीतिवचन २७:१७
आज का संकल्प यह है कि हम निर्देश, सुधार, और अनुशासन के लिए खुले दिल से तैयार रहें, क्योंकि इसी तरह दूसरे लोग हमें बेहतर बनाते हैं।
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"बुद्धिमान को डाँट, वह तो तुझ से प्रेम रखेगा। बुद्धिमान को शिक्षा दे, वह अधिक बुद्धिमान होगा; धर्मी को चिता दे, वह अपनी विद्या बढ़ाएगा।" - नीतिवचन ९:८-९
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"जो शिक्षा पाने से प्रीति रखता है वह ज्ञान से प्रीति रखता है, परन्तु जो डाँट से बैर रखता, वह पशु सरीखा है।" - नीतिवचन १२:१
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"बुद्धिमान पुत्र पिता की शिक्षा सुनता है, परन्तु ठट्ठा करनेवाला घुड़की को भी नहीं सुनता।" - नीतिवचन १३:१
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"जो वचन को तुच्छ जानता, वह नष्ट हो जाता है, परन्तु आज्ञा के डरवैये को अच्छा फल मिलता है।" - नीतिवचन १३:१३
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"वह जो अनुशासन का परित्याग करता है, स्वयं से छल करता है, किंतु वह, जो प्रताड़ना स्वीकार करता है, समझ प्राप्त करता है।" - नीतिवचन १५:३२
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"शिक्षा में मन लगाना और ज्ञान की बातों पर ध्यान देना।" - नीतिवचन २३:१२
अक्सर ख़ुदा हमारे क़रीबी लोगों का इस्तेमाल हमें अनुशाषित रखने के लिए करता है: जैसे की, हमारे माता पिता, शिक्षक, पासबान और दोस्त। हो सकता है कि वो हमेशा सही न हों, मगर समझदारी इसी में है कि हम उनके सुधार पर ध्यान दें, क्योंकी शायद पवित्र आत्मा उनके ज़रिए आपको कोई क़ीमती बात सिखाना चाहता हैं।
"सुधार पर आपका गुस्सा आपके अहंकार की मात्रा को दर्शाता है।" - जॉन पॉल जॅक्सन
दोस्त , ख़ुदा का शुक्रिया अदा करें कि उसने आपके इर्द गिर्द समझदार और परिपक्व लोग दिए हैं और साथ ही, उन लोगों को बताएं कि आपके ज़िंदगी में उनकी मौजूदगी के लिए आप उनके कितने शुक्रगुज़ार हैं।

