हर किसी को मंच नहीं मिलता, लेकिन हम सब स्तंभ बन सकते हैं

क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ हैं, आप कुछ खा-पी रहे हैं और आपको ये एहसास हुआ हैं कि अब सिर्फ़ एक निवाला या घूंट बचा है, लेकिन जाँच करने पर पता चलता है कि वह ख़त्म हो गया है और असंतुष्टि में आप आख़री निवाला या घूंट की तलब कर रहे हैं?
युहन्ना २:१-१० की कहानी में ऐसा ही कुछ उस दुल्हा-दुल्हन के साथ हुआ होगा, जब उनकी शादी में दाखरस ख़त्म हुआ था।
अब एक देसी शादी की कल्पना करें, जिसमें बिरयानी या पनीर मखनी ख़त्म हो जाए। उस ख़ूबसूरत जश्न और माहौल को याद करने के बजाय, खाने की कमी की बात सदियों तक़ चलती रहेगी!
यीशु मसीह के समय में, किसी के शादी में दाखरस का ख़त्म हो जाना बहुत शर्मनाक बात थी। अब इस नए जोड़े के ऊपर शायद बुरे मेहमान नवाज़ी का इलज़ाम लगा दिया जा सकता था जो उनके लिए एक शर्मिंदगी और नकारात्मक बात हो सकती थी।
इसलिए मरियम ने यक़ीन के साथ यीशु मसीह को इस उलझन में शामिल किया - लेकिन यीशु मसीह का जवाब ऐसा था जिसे मैं आपकी माँ पर आज़माने की सलाह कभी नहीं दूँगा 🤭:
“इस पर मसीह येशु ने उनसे कहा, “हे स्त्री, इससे आपका और मेरा क्या संबंध? मेरा समय अभी नहीं आया है।” – युहन्ना २:४
पीने के पानी को सबसे बेहतरीन दाखरस में बदलने का पहला चमत्कार, मरियम की ज़िद और यीशु मसीह के रज़ामंदी का नतीजा था। इस उत्तम चमत्कारी दाखरस ने उत्सव के प्रधान को आश्चर्यचकित कर दिया और साथ ही साथ (युहन्ना २:९) सबसे बेहतरीन दाखरस आख़िर में पेश करने का श्रेय, दूल्हें को मिल गया (युहन्ना २:१०)।यह चमत्कार एक ‘स्तंभ’ का प्रदर्शन’ है - इस मौके को यीशु मसीह ने खुद लिए मंच बनाने के लिए इस्तेमाल नही किया, लेकिन गुमसुम रह कर उस नए जोड़े को बदनामी से बचाया और उसने इसका श्रेय भी नहीं लिया।
हर किसी को मंच नहीं मिलता, लेकिन हम सब स्तंभ बन सकते हैं
हम पानी को दाखरस में तो नहीं बदल सकते हैं, लेकिन हम गुमसुम रहकर किसी की सेवा कर सकते हैं। सेवा करने के लिए मंच मिलें या ना मिलें, हमें दूसरों के बोझ को हल्का करना और शर्म या दर्द से बचाना चाहिए।
दोस्त , आज आप किसी के लिए मदद का स्तंभ बनने के लिए क्या कर सकते हैं? शायद यह उतना ही आसान हैं, जितना कि इस चमत्कार के प्रोस्ताहन को किसी ऐसे इंसान को भेजना, जिसे इसकी बेहद ज़रूरत हैं।

