ख़ुदा चाहता हैं कि आप कहें 'मैं आपसे मोहब्बत करती हूँ

ज़रा एक नवविवाहित पति-पत्नी की कल्पना कीजिए जहाँ पत्नी को लगता है कि उसका पति उससे अपनी मोहब्बत ज़ाहिर नहीं कर रहा है।पत्नी: “क्या आप अभी भी मुझसे मोहब्बत करते हैं?"पति: "मैंने आपको शादी के दिन ही कहा था कि मैं आपसे मोहब्बत करता हूँ, अगर कभी यह बदल जाए तो मैं आपको इत्तला कर दूँगा, फिर से मत पूछना!"पत्नी: 🤨
पति का यह जवाब पत्नी के लिए बहुत ही अजीब और दुखदाई होगा, है न? किसी भी रिश्ते में संवाद बेहद महत्वपूर्ण है! जितना मोहब्बत का इज़हार बार-बार सुनना हमें बेहद पसंद होता है उतना ही हमें भी अपने मोहब्बत और प्रशंसा को बार-बार ज़ाहिर करना ज़रूरी है।
ख़ुदा भी हमसे यही चाहता हैं। भजन संहिता १३९:४ के अनुसार: भले ही उसे पहले से पता हो कि हम क्या कहने वाले हैं फिर भी वह चाहता हैं कि हम उसे बार-बार बताएं कि हम उससे कितनी मोहब्बत करते हैं क्योंकि वो हमे बेहद चाहता है।
ख़ुदा के प्रति अपनी मोहब्बत को ज़ाहिर करने का एक ख़ूबसूरत तरीका यह है कि आप उसे वह सब बताएं जो वो मायने रखता है और जो कुछ उसने आपके लिए किया है। भजन संहिता आध्याय १८ एक आदर्श उदाहरण प्रदान करता है, जहाँ दाऊद राजा अपने दिल की गहराइयों से ख़ुदा की प्रशंसा करता है और उन सभी चीज़ों की सूची बनाता है जो वह उसके बारे में पसंद करता है:
भजन संहिता १८:१-२ में लिखा है:
“हे परमेश्वर, हे मेरे बल, मैं तुझ से प्रेम करता हूँ। यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ानेवाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूँ, वह मेरी ढाल और मेरी मुक्ति का सींग, और मेरा ऊँचा गढ़ है।”
दोस्त , चलिए दाऊद के इस उदाहरण का अनुसरण करते हैं और उसकी दुआ को अपनी दुआ बना लेते हैं। इस दुआ को पूरा करें और अपने शब्दों में ज़ाहिर करें कि ख़ुदा आपके लिए कौन हैं और उसने आपके लिए क्या किया है:
'ऐ ख़ुदा, मैं तुझसे मोहब्बत करती हूँ, तू मेरा बल है। तू मेरा…(अपने शब्दों में इस दुआ को पूरा करें)तूने मेरे लिए ये अद्भुत कार्य किए हैं… (अद्भुत कार्यों की सूची बनाए)

