सपनों और हकीकत के बीच

हम अभी भी उन "बीच" के दिनों में हैं। यह साल ख़त्म होने वाला है, लेकिन हमारे पास अभी भी कुछ दिन बचे हैं जब तक कि हम नए साल की शुरुआत १ जनवरी को नहीं कर लेते।
एक और शख्स जो हमारी तरह ही एक नए शुरुआत का इंतज़ार कर रहा था, वह था यूसुफ। वह एक ऐसे अपराध के लिए जेल में डाला गया था जो उसने किया ही नहीं था और वह एक परदेसी ज़मीन में था जहाँ उसे ग़ुलामी में बेच दिया गया था। आप यूसुफ की कहानी उत्पत्ति ३७-३९ में पढ़ सकते हैं।
जब वह छोटा था, तब सब कुछ उसके लिए अच्छा चल रहा था। यूसुफ अपने पिता का सबसे प्रिय बेटा था, और उसे ख़ुदा से अद्भुत सपने मिले, जिनमें उसका पूरा परिवार उसके सामने झुक रहा था।
उसकी ज़िंदगी में कई अनपेक्षित मोड़ आए। यूसुफ खुदा से पाए हुएं सपने और कठोर वास्तविकता के बीच फंसा हुआ था। उसे बिल्कुल समझ नहीं आ रहा था कि उसके साथ ये बुरी घटनाएँ क्यों हो रही हैं, लेकिन अब हम जानते हैं कि ये सब ख़ुदा की योजना का हिस्सा था:
“उसने यूसुफ नामक एक पुरुष को उनसे पहले भेजा था, जो दास होने के लिये बेचा गया था। लोगों ने उसके पैरों में बेड़ियाँ डालकर उसे दु:ख दिया; वह लोहे की साँकलों से जकड़ा गया; जब तक कि उसकी बात पूरी न हुई तब तक यहोवा का वचन उसे कसौटी पर कसता रहा।” – भजन १०५:१७-१९
दोस्त , ख़ुदा वादा करता हैं कि वह आपके जिंदगी की सभी इम्तेहानों का उपयोग आपकी भलाई के लिए ही करेगा। हो सकता है कि यह सब उसकी एक विस्तृत योजना का हिस्सा हो, जिसे वह पूरा कर रहा हैं।
“हमें यह अहसास है कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम करते हैं तथा परमेश्वर की इच्छा के अनुसार बुलाये गये हैं, उनके लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती हैं।” – रोमियों ८:२८
मैं आपको प्रोत्साहित करता हूँ कि आप अपने जिंदगी में पीछले मुश्किल परिस्थतियों पर गौर करें और देखें की ख़ुदा ने आपको कैसे उनमे से बाहर निकला, जिसका नतीजा अब एक खुबसूरत मोड़ पर आकर ठहर गया?
खुदा की वफ़ादारी के लिए उसका शुक्रिया अदा करना मत भूलिए।😉

