बुद्धिमानों की संगति कर, तब तू भी बुद्धिमान हो जाएगा।

अब तक मैंने नये साल के ऐसे संकल्पों का सुझाव दिया है जिन्हें लगातार कोशिश करने की ज़रूरत हैं, जैसे कि अपनी ज़ुबान पर क़ाबू करना, एक बेहतरीन सुननेवाला बनना और दिलदार होने का अभ्यास करना।
लेकिन आज का यह संकल्प ऐसा है जिसे आपको एक बार में ही करना पड़ेगा: ज़हरीले दोस्तों से नाता तोड़ना।
बाइबल गहरी, वफादार और धार्मिक दोस्ती को बढ़ावा देती है:
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"मित्र सब समयों में प्रेम रखता है, और विपत्ति के दिन भाई बन जाता है।" - नीतिवचन १७:१७
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"वैसे ही मित्र के हृदय की मनोहर सम्मति से मन आनन्दित होता है।" - नीतिवचन २७:९
लेकिन यह हमें ग़लत तरह के दोस्तों से होने वाले ख़तरों से भी चेतावनी देती है:
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"मित्रों के बढ़ाने से तो नाश होता है, परन्तु ऐसा मित्र होता है, जो भाई से भी अधिक मिला रहता है।" - नीतिवचन १८:२४
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"धर्मी अपने पड़ोसी की अगुआई करता है, परन्तु दुष्ट लोग अपनी ही चाल के कारण भटक जाते हैं।" - नीतिवचन १२ :२६
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"बुद्धिमानों की संगति कर, तब तू भी बुद्धिमान हो जाएगा, परन्तु मूर्खों का साथी नाश हो जाएगा।" - नीतिवचन १३:२०
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"जिस मनुष्य का स्वभाव क्रोधी है, उससे मित्रता मत करना; तुरन्त नाराज होनेवाले मनुष्य के साथ मत रहना। अन्यथा तुम भी उसका आचरण सीख जाओगे, और अपने प्राण को फंदे में फंसाओगे।" - नीतिवचन २२:२४-२५
इसका यह मतलब नहीं है कि आपके सारे दोस्त मसीही होने चाहिए; उन लोगों से भी दोस्ती करना अच्छा है जो यीशु मसीह को (अब तक) नहीं जानते हैं। अपने कार्यों और ज़िंदगी के ज़रिए उनके साथ ख़ुदा की मोहब्बत ज़ाहिर करना भी अहम बात है।
मगर सबसे ज़रूरी बात यह है कि आपके दोस्त, चाहे मसीही हों या न हों, आपको पाप में धकेलने के लिए दबाव न डालें:
"मेरे पुत्र, यदि पापी तुझे फुसलाएं, तो तू उनकी बातों में न आना। मेरे पुत्र, तू उन दुर्जनों के मार्ग पर मत चलना, बल्कि उनकी गली में पैर भी मत रखना।" —नीतिवचन १:१०,१५
ज़हरीली दोस्ती आपको गपशप, बदतमीज़ी, गुस्सा करना, वासना, जलन और कई अन्य पापों की तरफ़ खींच सकती है।
दोस्त , क्या आपके पास ऐसे दोस्त हैं जो आप पर बुरा असर डालते हैं? यह आपकी आँखें खोलने का इशारा है कि आप उनसे नाता तोड़ें लेकिन उनके उद्धार के लिए दुआ करते रहे!
"ए ख़ुदा , दोस्त को ज़हरीली दोस्ती को पहचानने की बुद्धि दे, उनसे दूर रहने की ताक़त दे, और नये, धार्मिक दोस्तों की तलाश करने का साहस दे। आमीन।"

