हे मेरे मन, ख़ुदा का शुक्र-गुज़ार रह, और उसके किसी भी उपकार को न भूलना
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क्या आप एक भुलक्कड़ व्यक्ति हैं? मैं भुलक्कड़ हूं और मुझे यह स्वीकार करने में शर्म आती है 🫣। कुछ सालों से, मैंने जरुरी कामो की सूचि बनाना सीख लिया है। जब कोई मुझे कुछ जरुरी काम करने के लिए कहता है, मैं न भूलू इसीलिए सारी बातोंको लिखके रखती हूँ।
ज़िंदगी के जरुरी कामो की सूचि बनाना अच्छी आदत है लेकिन पता है, उस से भी और बेहतर क्या है? ख़ुदा की महानता और आपके ज़िंदगी में किए हुए उसके सभी अद्भुत कामों की एक सूची बनाना!
भजन संहिता १०३:२ कहता है, “हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना।” शायद अय्यूब के पास भी ख़ुदा के महानता की एक ऐसी ही सूचि थी क्योंकि उसने अपने दुःख और दर्द के समय में ख़ुदा का जय जयकार कीया (अय्यूब अध्याय ९):
- उसकी बुद्धि गहरी है।*
- उसकी ताक़त विशाल है।*
- वह पहाड़ों को हिलाता है।*
- केवल वो ही आसमान को फैला सकता है।*
- वह ऐसे करिश्मे करता है जिन्हें समझा नहीं जा सकता और ऐसे चमत्कार करता है जिन्हें गिना नहीं जा सकता।*
यह कमाल की बात है कि अय्यूब ख़ुदा की भलाई को उस समय याद करता है जब उसने अपना सबकुछ खो दिया था: जैसे की उसके बच्चे, सेहत और सारी जायदाद। सब कुछ ठीक होने का दिखावा न करते हुए और उसके साथ हुई सारी दर्दनाक बातों के बिच में भी उसने ख़ुदा को नहीं छोड़ा और उससे जुड़ा रहा।
ईमान उस ख़ुदा के फ़ितरत पर सदा बरक़रार रहे, जिसके तरीके हमें शायद ही कभी समझ में आये। ~ ऑस्वाल्ड चेम्बर्स
अय्यूब ४२:१२ के अनुसार, अंत में, खुदा ने अय्यूब को फिर स्थापित किया और उसे पहले से ज्यादा बरकत दी।* इस समय आप जो भी संघर्ष का सामना कर रहे हैं, जिंदगी चाहे कितनी भी मुश्किल क्यों न हो, यह याद रखना की ख़ुदा वफादार हैं और उसके पास आपके लिए अच्छी योजनाएं हैं। यिर्मयाह २९:११ कहता है, “यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएँ मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानि की नहीं, वरन् कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूँगा।”
दोस्त , क्या आपने कभी ख़ुदा के बारे में कोई सूची बनाई थी? मैं आपको चुनौती देती हूं कि आज कुछ समय निकालकर ख़ुदा की महानता और उसके सभी अद्भुत कामों की एक सूची बनाए, जो उसने आपके लिए किया हैं।
(*इस प्रोत्साहन के कुछ आयत मेरे अल्फ़ाज़ और अंदाज़ में लिखे गए हैं)
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