बे रोक जोड़

आज, ‘ख़ुदा के लिए बे रोक कैसे बनें’ इस सीरीज़ का तीसरा दिन है। क्या आप में भी बे रोक बनने का जज़्बा है?? ऐसा लगता है कि राजा दाऊद भी बे रोक था जब उसने यह आयत लिखी थी:
“जब आप मेरी ओर हैं, तो मैं सेना से टक्कर ले सकता हूं; मेरे परमेश्वर के कारण मैं दीवार तक फांद सकता हूं।” – २ शमूएल २२:३०
दाऊद ने अपनी ज़िंदगी में कई जंगों में शामिल होते हुए बड़ें सेनाओं का सामना किया और उसने राजा बनने के सफर में अनगिनत मुश्किलों की दीवारें पार कीं। ऐसा माना जाता है कि इस्राएल का राजा बनने के लिए दाऊद को अभिषेकित किए जाने से लेकर सिंहासन तक पहुँचने में लगभग ३० साल का इंतज़ार करना पड़ा। आख़िर में उसने ‘राजा’ बनने की दीवार पार कर ही ली!
दाऊद के बे रोक बनने का राज़ क्या था? इसका जवाब “जोड़”... इस शब्द में छुपा है।
“आपकी मदद से… ख़ुदा के साथ जुड़कर।” राजा दाऊद जानता था कि ख़ुदा के बिना वो कुछ नहीं कर सकता हैं। उसने जान लिया था कि हर चीज़ ख़ुदा के साथ जुड़कर ही करनी है। राजा दाऊद फिर कहता हैं: *“ख़ुदा के साथ जुड़कर ही हमारी जीत मुक़म्मल होती है...” – भजन संहिता १०८:१३
ख़ुदा आपको वही बे रोक ताक़त देने का वादा करता हैं, अगर आप हर काम ख़ुदा के साथ जुड़कर और उसके ज़रिए करते हैं!
“जो मुझे सामर्थ्य देता है उसमें मैं सब कुछ कर सकता हूँ।”– फिलिप्पियों ४:१३
आपकी ज़िंदगी में ख़ुदा के साथ एक गहरी, सच्ची और क़रीबी के रिश्ते की ताक़त का कोई विकल्प नहीं है।
दोस्त , मैं आज आपको प्रोत्साहित करती हूँ कि जैसे नीतिवचन १६:३ में लिखा है, वैसे ही आप ख़ुदा को अपनी योजनाओं, कार्यों और निर्णयों में न्योता दें:
“जो कुछ भी आप करते हैं, उसे ख़ुदा के हवालें करें और वही आपको सफ़ल करेगा।”
आप यह दुआ मेरे साथ कर सकते हैं: “ऐ आसमानी पिता, मैं तुझे अपने पारिवारिक ज़िंदगी, स्कूल और हर कार्यों में न्योता देती हूँ। मैं यह ज़िंदगी तेरे बिना नहीं, तेरे साथ जीना चाहती हूँ। राजा दाऊद की तरह, तेरे साथ जुड़कर मैं कुछ भी कर सकती हूँ और मुझे यक़ीन हैं की तुझमें सबकुछ मुमकिन है।”
(*इस प्रोत्साहन के आयत मेरे अल्फ़ाज़ और अंदाज़ में लिखे गए हैं)

