मेरे बच्चे मैं आपसे बेहद मोहब्बत करता हूँ और आपसे बहुत प्रसन्न हूँ

मैं आपके साथ मेरे ज़िंदगी का एक सबसे ख़ूबसूरत पल साझा करना चाहती हूँ - एक ऐसा अनुभव जिसने ख़ुदा के साथ मेरे रिश्ते को और भी गहरा किया हैं।
मैं २०११ में अपने दोस्तों से मिलने ऑस्ट्रेलिया गई थी। उन्होंने मुझे उनके कलीसिया में आने के लिए न्योता दिया था और कलीसिया के समाप्ति पर, एक अनजान आदमी मेरे पास आया और उसने पहले अंग्रेजी में मुझसे कहा: “ख़ुदा आपसे यह कहना चाहता हैं... - और फिर डच भाषा में कहा, ‘इक हाउ फॉन याव हेल हेल फेल’।” अर्थात "मैं आपसे बेहद मोहब्बत करता हूँ।”
यह सुनकर मैं चौंक गई थी! उस आदमी ने मेरी मातृभाषा में ख़ुदा का संदेश मुझतक पहुँचाया था। पूछने पर पता चला कि वह नाही डच भाषा जानता था और नाही उसके कोई डच रिश्तेदार थे। उसने बस ख़ुदा के द्वारा दिए गए शब्द मेरे साथ साझा किए, जो वह खुद नहीं समझता था। 😳
मैं पूरी तरह से निस्तब्ध हो गई थी। उस पल में ख़ुदा मुझसे और भी कुछ कह सकता था, लेकिन उसने यह बताने के लिए चुना कि वह मुझसे कितनी मोहब्बत करता हैं। शायद ख़ुदा ने अपनी मोहब्बत का संदेश मुझतक पहुँचाना ज़रूरी समझा।
यीशु मसीह के बपतिस्मा के दौरान ऐसा ही कुछ हुआ था, जो उसके सार्वजनिक सेवा की शुरुआत को चिह्नित करता है: मत्ती ३:१६ - १७ मे लिखा है "और यीशु बपतिस्मा लेकर तुरन्त पानी में से ऊपर आया, और देखो, उसके लिए आकाश खुल गया, और उसने परमेश्वर के आत्मा को कबूतर के समान उतरते और अपने ऊपर आते देखा। और देखो, यह आकाशवाणी हुई : ‘यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिससे मैं अत्यन्त प्रसन्न हूँ।”ख़ुदा और भी कुछ कह सकता था लेकिन, उसका पहला लफ़्ज न तो दिशात्मक था (यहां जा या वहां जा) और न ही अनुदेशात्मक (की यह कर)। वे संबंध पूर्ण थे: “यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिससे मैं अत्यन्त प्रसन्न हूँ।”
दोस्त , ख़ुदा आज यह कहना चाहता हैं: "मैं आपका पिता हूँ, तुम मेरे बच्चे हो, मैं तुमसे बेहद मोहब्बत करता हूँ और मैं तुम्हारे साथ एक अटूट रिश्ता रखना चाहता हूँ!”

