जो ख़ुदा पर भरोसा करता है वो बरकत हासिल करेगा

मैं इस बात पर सदा ज़ोर देता हूँ कि आपको हमेशा ख़ुदा पर ही यक़ीन करना चाहिए। आप शायद ख़ुदा की सेवा करनेवालें और नबियों के प्रति आत्मविश्वास दिखा सकते हैं, लेकिन अपना भरोसा सिर्फ़ और सिर्फ़ ख़ुदा पर ही रहना चाहिए।
आप पूछ सकते हैं, "हम ख़ुदा पर भरोसा कैसे रखें?" इसका जवाब है: ईमान के ज़रिए!
“अब विश्वास आशा की हुई वस्तुओं का निश्चय, और अनदेखी वस्तुओं का प्रमाण है।” - इब्रानियों ११:१
मज़ेदार बात है: यह वही आयत थी जो हमने अपनी शादी के कार्ड पर छपवाई थी!
एक दिन, जब यीशु मसीह, लोगों से भरे घर में सिखा रहे थे, उन्होंने छत पर हलचल सुनी। कुछ लोग छत को खोलकर एक लक़वे से बीमार शख्स को नीचे, यीशु मसीह के सामने लाने की कोशिश कर रहे थे। जैसे ही छत खुली, यीशु मसीह ने सिर्फ एक व्यक्ति को चटाई के सहारे नीचे लाते हुए नहीं देखा लेकिन उन लोगों का मज़बूत ईमान भी देखा जो चमत्कार करने से पहले ज़रूरी था! (लूका ५:२०)
उस लक़वे से बीमार शख्स को अपने दोस्तों पर भरोसा था कि वे उसे यीशु मसीह तक ले आएंगे, लेकिन दोस्तों ने यीशु मसीह पर ईमान रखा कि वो उसे शिफ़ा देगा।
सच्चे मसीह लोग, चाहे वो आपके दोस्त हों, परिवार या अग़वाह, उन्हें लूका ५ में ज़िक्र किए गए दोस्तों की तरह ही करना चाहिए: ‘जो आपको यीशु मसीह पर ईमान रखने के लिए उत्साहित करेंगे।’
बाइबल हमें लोगों पर ज़्यादा यक़ीन रखने से मना करती है:
“शासकों पर भरोसा मत करो, और न मनुष्यों पर, जिनमें सहायता करने का सामर्थ्य नहीं है।” - भजन संहिता १४६:३
बल्कि इसके बजाय:
“धन्य है वह मनुष्य, जो प्रभु पर भरोसा करता है; जिसका भरोसा ही प्रभु है। वह मानो कल-कल करते झरने के तट पर रोपा गया वृक्ष है; जिसकी जड़ें गहरे पानी में होती हैं।” - यिर्मयाह १७:७-८
दोस्त , आज ख़ुदा से दुआ करें कि: १. उसपर अपना ईमान बढ़ाएँ।२. आपको दिखाए, किन क्षेत्रों में आपका ईमान बढ़ना चाहिए। ३. आपको वो लोग दिखाए जिनपर आपको भरोसा नहीं करना चाहिए।
मैं आपके लिए दुआ करता हूँ: “ऐ ख़ुदावंद, दोस्त को उस पेड़ की तरह बना दे जो पानी के पास लगाया गया है और पूरी तरह से तुझमें मज़बूत हैं और जड़ें जमा चुका हैं । दोस्त की मदद कर कि वो अपना पूरा ईमान और भरोसा सिर्फ़ तुझ पर ही रखे।”

