आपके बचपन का हीरो कौन है?
आप बड़े होकर क्या बनना चाहते है? या, अगर आप पहले से बड़े हैं… तो जब आप छोटे थे, तो क्या बनना चाहते थे?
जिनका बचपन अच्छे पिताओं के साथ बीता है, अक्सर ऐसे बच्चे बड़े होकर अपने पिता जैसे बनना चाहते हैं - ताकतवर, हॅंडसम और दबंग। अगर आपके साथ ऐसा नहीं हुआ, तो मुझे बेहद अफ़सोस है।
ख़ुदा के बच्चें होने के नाते, हमें अपने आसमानी पिता जैसा बनना चाहिए। आख़िरकार, उसने हमें अपनी स्वरुप में रचाया है:
"अत: परमेश्वर ने अपने स्वरूप में मनुष्य को रचा। परमेश्वर के स्वरूप में उसने मनुष्य की सृष्टि की। परमेश्वर ने उन्हें नर और नारी बनाया।" – उत्पत्ति १:२७
अगर हमें किसी के जैसा बनाना है तो हमें अपने ख़ुदा के जैसा हूबहू बनना चाहिंए, क्योंकि वही एक सच्चा, बेहतरीन और आदर्श पिता है:
- वह बेशर्त मोहब्बत करता है।
- वह खुले दिल से माफ़ करता है।
- वह गुस्सा करने में धीमा है।
- उसकी इनायत की कोई सीमा नहीं है।
- वह रहमदिल और करुणा से भरपूर है।
और यह सूची खत्म ही नहीं होती है...
ख़ुदा जैसा बनना मतलब अपने पुराने ज़िंदगी को पीछे छोड़ना:
"कभी एक दूसरे से झूठ नहीं बोलें। आप लोगों ने अपना पुराना स्वभाव और उसके कर्मों को उतार कर एक नया स्वभाव धारण किया है। यह स्वभाव अपने सृष्टिकर्ता का प्रतिरूप बन कर नवीन होता रहता और पूर्ण ज्ञान की ओर आगे बढ़ता है।" – कुलुस्सियों ३:९-१०
हालांकि, जितनी भी कोशिश करें, कभी-कभी हमारी इंसानी फ़ितरत हमारे रास्ते में आ ही जाती है। उस समय, यह याद रखना ज़रूरी है कि यह परिवर्तन का कार्य हमारा नहीं, बल्कि यह हम में ख़ुदा का है!
बाइबल आपको यकीन दिलाती है: “परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा - जो आत्मा है - हम उसी तेजस्वी रूप में अंश अंश करके बदलते जाते हैं।" (२ कुरिन्थियों ३:१८)
दोस्त , क्या आपकी ज़िंदगी के कुछ हिस्से हैं जहाँ आपको अपनी पुरानी आदतें छोड़ने की ज़रूरत है? ख़ुदा से दुआ करें की आज ही आपकी ज़िंदगी में परिवर्तन का कार्य शुरू करें।